ग्रेड-पे पर शर्त से टीचर नाराज

स्कूल प्रवक्ता संघ ने वित्तीय लाभ में विसंगति पर उठाए सवाल

हमीरपुर – हिमाचल प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने पदोन्नति पर ग्रेड-पे पर दो साल की शर्त और 4-9-14 पर सात जुलाई, 2014 के वित्त विभाग के पत्र पर गहरा रोष जताया है। पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ की कोर कमेटी अध्यक्ष केवल ठाकुर और प्रदेशाध्यक्ष अमरनाथ धीमान ने बताया कि टीजीटी से पीजीटी के पद पर पदोन्नति करीब 18 से 20 साल के कार्यकाल में होती है। बतौर टीजीटी एक अध्यापक छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ाता है, लेकिन पीजीटी पर पदोन्नति के बाद उसे छठी से दसवीं कक्षा के साथ-साथ जमा एक और जमा दो कक्षाएं भी पढ़ानी पड़ती हैं, जबकि उसे वेतनमान टीजीटी का ही दिया जा रहा है। पदोन्नति पर अध्यापकों को कोई वेतन वृद्धि नहीं मिल रही है। इसका कारण उसके सेवाकाल में तीन वेतन वृद्धियां हैं। इतना ही नहीं, प्रवक्ता का वेतनमान लेने के लिए उसे दो वर्ष तक का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में वर्तमान में टीजीटी से पीजीटी की पदोन्नति अध्यापकों के लिए महज एक अभिशाप बन कर रह गई है। ग्रेड-पे से दो वर्ष की शर्त महज कुछ श्रेणियों की पदोन्नति पर ही लगाई गई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार इन वर्गों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जब जेबीटी से मुख्य शिक्षक पदोन्नत होता है, तो ऐसी कोई दो वर्ष की शर्त नहीं है, लेकिन जब जेबीटी से टीजीटी या सी एंड वी पदोन्नत होता है, तो यह शर्त लगाई जाती है। संघ का कहना है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने प्रत्येक वर्ग की मांगों को पूरा किया है। इसमें पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर लाना, अनुबंध की अवधि को तीन वर्ष करना है, लेकिन ग्रेड-पे की शर्त और सात जुलाई, 2014 की अधिसूचना के कारण प्रदेश के करीब पौने तीन लाख कर्मचारी स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। बैठक में प्रदेश महामंत्री यशवीर जंबाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रत्नेश्वर सलारिया, उपाध्यक्ष हरिमन शर्मा, संगठन सचिव विनोद शर्मा, रविदास और संदीप ढटवाल आदि मौजूद रहे।

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