जैविक खेती पर जोर दें किसान

कैथल – हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों से अनुरोध किया कि प्रदेश में देशी गाय पालकर जीरो बजट की प्राकृतिक व जैविक खेती को अपनाकर खेती की लागत कम करके भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ अपनी आमदनी में भी बढ़ौत्तरी करें। इससे रासायनिक खादों व कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग से तैयार फसलों के कारण दिनों-दिन बढ़ती जा रही भयंकर बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। आचार्य देवव्रत रविवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गांव बालू में किसान खेतीहर मजदूर एवं पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण एवं स्वच्छता अभियान विषय पर मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें परंपरागत खेती को छोड़कर फसल चक्र को तोड़कर खेती के विविधिकरण पर जोर देना होगा तथा फल, फूल की खेती को बढ़ावा देना होगा। इसके अतिरिक्त श्यामा प्रसाद अर्बन योजना, दीन बंधु छोटू ग्राम उदय योजना तथा 10 हजार से अधिक की आबादी के लिए महाग्राम योजना शुरू की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा आगामी नवंबर माह तक प्रत्येक गांव में ग्राम गौरव पट्ट स्थापित किया जाएगा, जिससे गांव की शहीदों, खिलाडि़यों तथा अन्य क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाले व्यक्तियों के नाम अंकित किए जाएंगे, यदि कोई किसान पांच देशी गाय की डेयरी करेगा तो 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने आचार्य देवव्रत द्वारा प्राकृतिक खेती पर लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया। इस मौके पर कुलवंत बाजीगर,ओमप्रकाश व मंदीप कौर, सतीश गौतम एवं जोगिंद्र श्योराण, डा. महावीर सिंह, डा. जगफूल सिंह, राजपाल तंवर, सुरेंद्र ढुल, सुरेश राविश, अजीत चहल, राधाकृष्ण, शकुंतला, रतन सिंह, रामपाल आर्य, सतबीर सिंह, दिलबाग सिंह, धर्मवीर सिंह, संजीत सिंह, रमेश सिंह, जसबीर सिंह, रामभज, संजीव राणा, राममेहर साहरण, दलीप सिंह, शीश राम, गुरनाम सिंह चढुनी, मनी राम आर्य, गज्जन सिंह, पूर्व सरपंच सुरेंद्र, कुशलपाल सिरोही सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी व अन्य मौजूद रहे।

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