पंद्रह टेंडम पायलटों के लाइसेंस जब्त

बिलिंग घाटी में उड़ानों पर पैराग्लाइडरों की मनमानी के चलते पर्यटन विभाग ने कसा शिकंजा

बैजनाथ— पैराग्लाइडिंग की विख्यात घाटी बिलिंग में पिछले कई दिनों से टेंडम उड़ान करवाने वाले पायलटों द्वारा की जा रही मनमानी व मीडिया द्वारा बार-बार प्रमुखता से उठाए जा रहे मुद्दे पर गुरुवार को पर्यटन विभाग हरकत में आया। इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर टूरिज्म जगन ठाकुर, इंस्पेक्टर संजय शर्मा व राजकुमार की टीम ने बिलिंग का औचक निरीक्षण कर करीब 15 टेंडम पायलटों के लाइसेंस जब्त कर लिए। इन पायलटों द्वारा अपनी लॉग बुक नहीं भरी गई थी, साथ ही कई और तरह की औपचारिकताएं भी नहीं पाई गईं। बाद में बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन व पायलटों के साथ पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बैठक कर निर्णय लिया कि सोमवार से बिलिंग घाटी में किसी तरह की फ्लाइंग नहीं होगी। पहले सभी पायलटों के लाइसेंस चैक किए जाएंगे, उनकी इंश्योरेंस, लॉग बुक व बाकी सभी प्रकार के डाक्यूमेंट चैक होने के बाद ही बिलिंग घाटी से फ्लाइंग शुरू हो सकेगी। गौर हो कि जब से बिलिंग घाटी में युवाओं को लाइसेंस प्रदान किए, वे भी टेंडम उड़ानों के लिए तब से लेकर कुछ पायलट अवैध रूप से उड़ान करवाने में लगे थे। वहीं ये पायलट न तो मौसम को देख रहे हैं, न ही सायं का अंधेरा। यही नहीं, पिछले कुछ दिन पूर्व चौगान के एक टेंडम पायलट द्वारा मंुबई की एक युवती से उड़ान के दौरान छेड़छाड़ का मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसे ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रमुखता से उठाया था। यही नहीं, कुछ नौजवान तो टेंडम उड़ानों की आड़ में नशाखोरी को भी बढ़ावा देने में लगे थे। इसके चलते  जो सही पायलट इस धंधे से अपने परिवारों को पाल रहे थे, वे भी बदनाम होने लगे। आखिकार विभाग सचेत हुआ व गुरुवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस बारे वीपीए के निदेशक अनुराग शर्मा ने कहा कि घाटी को बदनाम नहीं होने दिया जाएगा। जो पायलट कायदे कानूनों को धत्ता बता कर मानमानी करेगा, उसका लाइसेंस जब्त होना चाहिए और उस पर उड़ान करवाने में पूर्णतया प्रतिबंध कर देना चाहिए।

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