भारत की ताकत बढ़ी

30 साल का इंतजार खत्म, ट्रायल के लिए हिंदोस्तान पहुंची हावित्जर तोपों की पहली खेप

नई दिल्ली— सेना का 30 साल पुराना इंतजार खत्म करते हुए अमरीका के साथ किए गए 145 एम-777 हावित्जर तोप खरीद सौदे के तहत प्रायोगिक परीक्षण के लिए पहली ऐसी दो तोपें गुरुवार को भारत पहुंच गई। अमरीकी कंपनी बीएई की बनाई 145 एम 777 होवित्जर तोपों से भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी। सेना की ओर से तोपखानों को आधुनिक बनाने के लिए काफी समय से मांग की जा रही थी। बीते साल 17 नवंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने इस सौदे को मंजूरी दी थी और 30 नवंबर को ही इसको लेकर अमरीका के साथ करार हुआ था। इस करार के मुताबिक जून तक इन तोपों के भारत पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन कंपनी ने दो तोपों को पहले ही उपलब्ध करा दिया है। बताया जा रहा है कि इन तोपों को प्रमुख तौर पर भारत-चीन सीमा से सटी पहाडि़यों पर तैनात किया जा सकता है। अब इन तोपों का राजस्थान के पोखरण में परीक्षण किया जाएगा। इस परीक्षण के दौरान इनमें भारतीय गोलों का इस्तेमाल होगा और परखा जाएगा कि किस एंगल से कितनी दूरी तक असरदार फायरिंग की जा सकेगी। बता दें कि बोफोर्स तोपों के बाद पहली बार भारतीय सेना को आधुनिक तोपें मिली हैं। हालांकि कारगिल की लड़ाई के समय बोफोर्स के दम पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान को पीछे धकेल दिया था। आज के दौरे में दुनिया भर के देश बोफोर्स की तुलना में कहीं ज्यादा आधुनिक आर्टिलरी सेना में शामिल कर चुके हैं।

यह है खास

इस तोप को हेलिकाप्टर या विमान के जरिए भी बार्डर पर ले जाया जा सकता है।

इस वजन काफी हल्का है करीब चार टन है। वहीं वही बोर्फोस का वजन है करीब 11500 किलोग्राम है।

इसकी रेंज करीब 25 से 40 किलोमीटर तक है।

भारत – चीन सीमा पर तैनात की जाएंगी ये तोपें।

ऐसे 145 तोप भारत अमरीका से खरीदेगा।

145 एम 777 होवित्जर तोपों को दुनिया के अत्याधुनिक हथियारों में गिना जाता है।

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