मोबाइल मैसेज, ई-मेल पढ़ेंगे नेत्रहीन

आईआईटी मंडी के छात्रों की तकनीक आसान करेगी दिव्यांगों की राह

मंडी —  अब नेत्रहीन मोबाइल पर आए मैसेज और सभी ऑनलाइन ई-बुक पढ़ सकेंगे। इसमें न ज्यादा खर्चा होगा और न ही महंगी ब्रेल किताबें खरीदने की जरूरत। आईआईटी मंडी के छात्रों की बलिंडल तकनीक नेत्रहीनों की दुनिया बदल सकती है। मोबाइल पर भेजे गए किसी भी मैसेज, ई-मेल और किसी भी ऑनलाइन किताब को बलिंडल चुटकियों में ब्रेल लिपी बदल सकती है। बलिंडल में एक खास तरह का मैसेज बटन बनाया गया है। मैसेज बटन बनाने पर मोबाइल में आया मैसेज बलिंडल में ऊभर आएगा और नेत्रहीन मैसेज भेजने वाले का नाम और संदेश पढ़ सकेगा। खास बात यह है कि इसमें एसडी कार्ड और पेन ड्राइव भी काम करेगा। यानी कोई भी किताब अगर फाइल बना कर पेन ड्राइव में सेव की गई है, तो पेन ड्राइव को बलिंडल में लगाया जाएगा और फिर नेत्रहीन बलिंडल के सहारे किताब पढ़ सकेंगे। आईआईटी के प्रशिक्षु इंजीनियर्ज द्वारा उक्त प्रोजेक्ट रविवार को ओपन हाउस में प्रदर्शित किया गया। बलिंडल को ऑनलाइन बुक स्टोर किंडल की तर्ज पर नाम दिया गया है। इस प्रोजेक्ट पर  डा. तुषार और डा. अर्पण गुप्ता की गाइडेंस में अभिषेक, अथर्वा, किसलेय, मयुरेश, सागर व साई सुबाराव काम कर रहे हैं। यहां बता दें कि नेत्रहीनों के लिए ब्रेल किताबें काफी महंगी होती हैं और यह आसानी से उपलब्ध भी नहीं, जबकि ऑनलाइन ढेरों ई-बुक उपलब्ध हैं। ऐसे में बलिंडल के सहारे नेत्रहीन कोई भी किताब पढ़ सकता है। इस प्रोजेक्ट की कीमत मात्र सात हजार रुपए रहेगी। आठ हजार में एक बार बलिंडल खरीदने पर नेत्रहीन किसी भी समय कोई भी किताब आसानी से पढ़ सकता है। इसके साथ ही प्रोजेक्ट में कई अहम फीचर भी दिए गए हैं, जैसे एक लाइन पढ़ने पर नेत्रहीन अगर आगे बढ़ जाता है और वह उस लाइन को दोबार पढ़ने का इच्छुक है तो वह बैक बटन दबा कर फिर से उस लाइन पर जा सकता है। इसी के साथ बलिंडल में स्टॉप बटन भी दिया गया है।

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