शिमला में प्रदेश का पहला रोग नियंत्रण केंद्र

बालूगंज के समीप महाल पांजड़ी में 12 करोड़ की लागत से तैयार होगा सेंटर

शिमला — राजधानी में प्रदेश का पहला राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र खुलेगा। इस केंद्र में विभिन्न जलजनित एवं अन्य रोगों की जांच और उनकी रोकथाम के लिए शोध के साथ इनकी रोकथाम पर कार्य होगा। शिमला में पीलिया फैलने के बाद रोग नियंत्रण केंद्र की मांग नगर निगम की ओर से की गई थी। अब इसके लिए अधिकतर औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। केंद्र खोलने के लिए प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिमला के बालूगंज के समीप महाल पांजड़ी में भूमि चयनित की गई है। केंद्र का निर्माण लगभग 8229.83 वर्ग मीटर भूमि पर किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 12 करोड़ है। केंद्र के लिए चयनित यह भूमि नगर निगम शिमला की ओर से स्वास्थ्य विभाग को लीज पर उपलब्ध करवाई है। अब प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से औपचारिकताएं पूरी होते ही राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में विभिन्न प्रकार के जलजनित रोगो, संक्रामक रोगों और अन्य गंभीर बीमारियों की रोकथाम पर कार्य किया जाएगा। इस सेंटर में  मृत्यृ दर की साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार करने, बीमारियों से संबंधित अन्य डाटा, पब्लिक हैल्थ इमेज लाइब्रेरी की सुविधा भी होगी। इसके अलावा विभिन्न रोगांे की जांच के बाद आधुनिक उपचार भी उपलब्ध होगा। गौरतलब है कि शिमला में वर्ष 2016 में पीलिया ने तीस से अधिक लोगों की जान ले ली थी और 200 से अधिक लोग पीलिया की चपेट में आ गए थे। इसके बाद से ही शिमला में रोग नियंत्रण केंद्र खोले जाने की मांग उठने लगी थी, ताकि समय रहते संक्रमित रोगों की जांच कर इसकी रोकथाम की जा सके। फिलहाल रोग नियंत्रण केंद्र के लिए भूमि उपलब्ध हो चुकी है, जिसके बाद केंद्र सरकार तमाम औपचारिकताएं पूरी कर निर्माण कार्य को स्वीकृति देगा, जिससे न केवल विभिन्न जानलेवा रोगांे की जांच जल्द समय पर हो पाएगी। साथ ही समय रहते उनकी रोकथाम संभव होगी।

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