श्वेत क्रांति

श्वेत क्रांति का प्रारंभ 1970 ई. में हुआ। जबकि श्वेत क्रांति  का जन्मदाता वर्गिज कुरियन हैं। एक विषेष तथ्य यह है कि दुग्ध उत्पादन में भारत का स्थान प्रथम है, जबकि दूध से बने पदार्थों जैसे- पनीर, मक्खन, घी, इत्यादि के उत्पादन में डेनमार्क का स्थान प्रथम है। सफेद क्रांति भी आपरेशन फ्लड के रूप में जाना जाता है। आपरेशन फ्लड भारत की योजना है, जिससे कि भारत में दूध की कमी को दूर किया जा सके। दुग्ध कृषि, या डेयरी उद्योग या दुग्ध उद्योग, कृषि की एक श्रेणी है। यह पशुपालन से जुड़ा एक बहुत लोकप्रिय उद्यम है, जिसके अंतर्गत दुग्ध उत्पादन, उसकी प्रोसेसिंग और खुदरा बिक्री के लिए किए जाने वाले कार्य आते हैं। इसके वास्ते गाय-भैंसों, बकरियों या कुछेक अन्य प्रकार के पशुधन के विकास का भी काम किया जाता है। अधिकतर डेयरी फार्म अपनी गायों के बछड़ों का, गैर दुग्ध उत्पादक पशुधन का पालन पोषण करने की बजाय सामान्यतः उन्हें मांस के उत्पादन हेतु विक्रय कर देते हैं। डेयरी फार्मिंग के अंतर्गत दूध देने वाले मवेशियों का प्रजनन तथा देखभाल, दूध की खरीद और इसकी विभिन्न डेयरी उत्पादों के रूप में प्रोसेसिंग आदि कार्य सम्मलित हैं। भारत गांवों में बसता है। हमारी 72 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ग्रामीण है तथा 60 प्रतिशत लोग कृषि व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। करीब 7 करोड़ कृषक परिवारों में प्रत्येक दो ग्रामीण घरों में से एक डेयरी उद्योग से जुड़े हैं। भारतीय दुग्ध उत्पादन से जुड़े महत्त्वपूर्ण सांख्यकी आंकड़ों के अनुसार देश में 70 प्रतिशत दूध की आपूर्ति छोटे/ सीमांत/ भूमिहीन किसानों से होती है। भारत में कृषि भूमि की अपेक्षा गायों का ज्यादा समानता पूर्वक वितरण है। देश में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के एक महत्त्वपूर्ण घटक के रूप में इसे मान्यता दी गई है। कृषि और डेयरी-फार्मिंग के बीच एक परस्पर निर्भरता वाला संबंध है। कृषि उत्पादों से मवेशियों के लिए भोजन और चारा उपलब्ध होता है जबकि मवेशी पोषण सुरक्षा माल उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पादों दूध, घी, मक्खन, पनीर, संघनित दूध, दूध का पाउडर, दही आदि का उत्पादन करता है। भारत विश्व में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक और दुग्ध उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

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