‘वन बैल्ट वन रोड’
इन गलियारों से जाल बिछाएगा चीन
न्यू सिल्क रोड के नाम से जानी जाने वाली ‘वन बैल्ट, वन रोड’ परियोजना के तहत छह आर्थिक गलियारे बन रहे हैं। चीन इन आर्थिक गलियारों के जरिए जमीनी और समुद्री परिवहन का जाल बिछा रहा है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा
न्यू यूराशियन लैंड ब्रिज
चीन-मध्य एशिया-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारा
चीन-मंगोलिया-रूस आर्थिक गलियारा
बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारा
चीन-इंडोचाइना-प्रायद्वीप आर्थिक गलियारा
दुनिया की 60 फीसदी लोगों पर राज करेगा चीन
चीन अपनी इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के जरिए दुनिया की 60 फीसदी आबादी यानी 4.4 अरब लोगों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहा है। वह इन पर एकछत्र राज करना चाहता है। वह इनको रोजगार देने का लालच दे रहा है। उसने इस परियोजना को लेकर अपनी नीतियां भी स्पष्ट नहीं की हैं। वह कभी भी अपने वादे से मुकर सकता है और इन देशों की प्राकृतिक संपदा का दोहन करके आर्थिक लाभ कमा सकता है। ऐसे में इसके भावी परिणाम बेहद गंभीर साबित हो सकते हैं। इन देशों के लोग भविष्य में चीन के गुलाम बन कर रह जाएंगे। चीन का रिकार्ड रहा है कि वह बिना स्वार्थ के कोई काम नहीं उठाता है। खासकर विदेशी निवेश को लेकर उसका रिकार्ड बेहद खराब रहा है।
दुनिया के 65 देशों की सरकार को भी लालच
चीन ‘वन बैल्ट, वन रोड’ परियोजना को अंजाम देने के लिए न सिर्फ 65 देशों की जनता को बरगला रहा है, बल्कि वह इन देशों की सरकारों को भी लालच दे रहा है। चीनी मीडिया का कहना है कि इस परियोजना के इन देशों की सरकारों को 1.1 अरब डॉलर टैक्स मिलेगा। इससे इनकी आय में इजाफा होगा और साथ ही बेरोजगारी कम होगी।