स्वरोजगार का है व्यापक स्कोप

होम साइंस में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने प्रोमिला कंवर से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

वर्तमान दौर में होम साइंस में करियर का क्या स्कोप है?

होम साइंस या गृह विज्ञान एक प्रोफेशनल कोर्स है। यह कला और विज्ञान दोनों संकायों से जुड़ा हुआ पाठ्यक्रम है। इसी कारण इस पाठ्यक्रम की व्यापकता अधिक है। इसका एक ओर संबंध यदि स्वास्थ्य, भोेजन, फैशन, आतिथ्य एवं संसाधन प्रबंधन से है, तो दूसरी ओर बाल विकास और महिला कल्याण से भी है। इन विषयों के जुड़ने से इसकी व्यापकता सीधे जीवन शैली में स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित विषयों से जुड़ जाती है। गृह विज्ञान महाविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देशानुसार बदलाव किया है, जिसके अंतर्गत गृह विज्ञान स्नातक डिग्री (बीएससी ऑनर्ज) को अब कम्युनिटी साइंस के नाम से जाना जाएगा। यह बदलाव राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है। आज के परिवेश में लोग व्यस्त जीवन और अपनी कार्यशैली से स्वास्थ्य एवं पोषण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में इस विषय की महत्ता और भी बढ़ जाती है। इस कारण इसमें करियर का काफी अच्छा स्कोप है।

इस फील्ड में करियर बनाने के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?

गृह विज्ञान में करियर बनाने के लिए सर्वप्रथम गृह विज्ञान में स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य है। स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद युवा या तो स्वरोजगार अपना सकते हैं या गृह विज्ञान के पांच विषयों में स्नातकोत्तर कर सकते हैं।

गृह विज्ञान में कौन-कौन से क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है?

गृह विज्ञान के अतर्गत मुख्य रूप से पांच विभाग हैं। खाद्य विज्ञान, पोषण एवं प्रौद्योगिकी विभाग, मानव विकास विभाग, पारिवारिक संसाधन विभाग, वस्त्र एवं परिधान अभिकल्पना विभाग और कम्युनिकेशन मैनेजमेंट विभाग। आप किसी भी एक में विशेषज्ञता हासिल कर अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।

रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध होते हैं?

गृह विज्ञान महाविद्यालय युवाओं को स्वरोजगारी बनाने में हिमाचल प्रदेश में एकमात्र शिक्षा संस्थान है। गृह विज्ञान में शिक्षा अर्जित करने के बाद युवा डाइट काउंसलर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, इंटीरियर डेकोरेटर, बेकरी ऐड कन्फेक्शनरी, बुटीक, फैशन डिजाइनर, कंज्यूमर काउंसलर, इवेंट मैनेजर आदि क्षेत्रों में अपना काम शुरू कर सकता है। अध्यापन या शोध के क्षेत्र में भी अच्छे अवसर हैं।

आमदनी इस फील्ड में किस हिसाब से होती है?

आरंभिक आय इस क्षेत्र में इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस क्षेत्र को चुना है। स्वरोजगार में आमदनी की कोई लिमिट नहीं है। यह आपके प्रोजेक्ट पर निर्भर करती है कि आपने कितना बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है। यदि आप सरकारी क्षेत्र में लगे हैं, तो सरकारी मानकों के तहत सैलरी होगी।

इस क्षेत्र में युवाओं को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

लोगों को इस फील्ड की जानकारी नहीं है, यही सबसे बड़ी चुनौती है। इस कारण लोग समझते हैं कि इसमें रोजगार के अवसर कम हैं, जबकि इसमें रोजगार के अवसर दूसरे क्षेत्रों से ज्यादा हैं। सरकारी न सही, पर स्वरोजगार के इसमें व्यापक स्कोप हैं।

जो युवा इस फील्ड में आना चाहते हैं उनके लिए कोई प्रेरणा संदेश दें ?

युवाओं को यही कहना चाहूंगी कि आप इस फील्ड को चुनें, पर विषय का ज्ञान जरूरी है। यह क्षेत्र आपको सफलता की ऊंचाइयां दिला सकता है।

-राकेश सूद, पालमपुर

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !