अब ग्रामीण कालेजों में भी बीबीए-बीसीए

सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही एचपीयू

शिमला —  प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कालेजों में भी छात्रों को सेल्फ फाइनेंसिंग के तहत बीबीए और बीसीए कोर्स करने का मौका मिलेगा। यूजी कोर्स में रूसा के साथ-साथ छात्र इन कोर्सेस का चयन भी कर सकेंगे। ग्रामीण कालेजों में सेल्फ फाइनेंसिंग के तहत ये कोर्स चलाने के लिए एचपीयू एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजेगी। विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई कार्यकारिणी परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है। विवि की इस द्वितीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजेंद्र सिंह चौहान ने की। बैठक में कई महत्त्वपूर्ण फैसलों पर चर्चा के बाद मंजूरी की मुहर लगाई गई है। बैठक मे स्वीकृति बनने के बाद ही यह फैसला लिया गया कि ग्रामीण कालेजों में बीबीए/बीसीए आदि पाठ्यक्रम शुरू करने का विषय प्रदेश सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इसके साथ ही बैठक में 15 जून को हुई चयन समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए दृष्य कला विभाग में डा. संग्राम सिंह को सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति प्रदान की। आचार्य जेबी नड्डा की अध्यक्षता में बनाई गई इस समिति में आचार्य एसएस चौहान और चंद्रशेखर को सदस्य ओर ईसी सदस्य राजकुमारी को समन्वयक बनाया गया है। यह समिति अब इन कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर रिपोर्ट विवि को देगी। विवि में वर्तमान समय में 75 के करीब शिक्षक और कर्मचारी विवि के विभागों में कार्य कर रहे हैं। इसमें से 40 के करीब शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें कार्य करते हुए आठ से दस साल का समय हो गया है और वे नियमितीकरण की राह देख रहे हैं। हालांकि इससे पहले भी वर्ष 2010 में इन कर्मचारियों को ईसी में नियमित करने को लेक र मंजूरी दी जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी विवि प्रशासन इन्हें नियमित नहीं कर रहा है। अब इस मामले को लेकर समिति का गठन विवि ने किया है। बैठक में के फैसलों में तीन महाविद्यालयों मे राजकीय महाविद्यालय आनी (हरिपुर), भोरंज (तरक्वाड़ी) और  जुखाला को स्थायी संबद्धता प्रदान करने का निर्णय गया है। इस बैठक में डा. पंकज ललित कुलसचिव, उपसचिव वित्त अनिरुद्ध सिंह, विधायक कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र चंद्रशेखर, डा. श्यामा जोशी, आचार्य एसएस चौहान, डा. कमलकांत, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय करसोग, राजकुमारी उपस्थित रहे।

फीस पर फैसला

ईसी ने विश्वविद्यालय के गणित एवं सांख्यिकी विभाग में सेल्फ फाइनेंसिंग के तहत एमएससी सांख्यिकी विषय की वार्षिक फीस 35000 हजार रुपए निर्धारित करने का निर्णय लिया है।

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