टीवी पर छाए
पिछले साल हुई महिला कबड्डी लीग की टीवी पर दर्शक क्षमता 2016 के यूरो कप फुटबाल से कहीं अधिक थी। इसके अलावा गत वर्ष अहमदाबाद में हुए कबड्डी विश्वकप को 11 करोड़ 40 लाख लोगों ने टीवी पर देखा था, जिससे यह देश का दूसरा सबसे बड़ा खेल बन गया है।
अब 24 प्रायोजक
टूर्नामेंट के दूसरे सत्र में जहां लीग के पास नौ प्रायोजक थे, वहीं पांचवें सत्र में उसके प्रायोजकों की संख्या बढ़कर 24 पहुंच गई है, जो आईपीएल की बराबरी करती है।
ऐसे तुलना
क्रिकेट और कबड्डी के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो आईपीएल में आठ टीमें अपने 10 सत्र में लगभग 60 मैच खेले, जबकि प्रो-कबड्डी के पिछले सत्र में आठ टीमों ने 65 मैच खेले थे। प्रो-कबड्डी के पांचवें सत्र में जहां टीमों की संख्या बढ़कर 12 पहुंच गई है।
सिंधु-साक्षी से ज्यादा बिके तोमर
एक आंकड़े को देखा जाए तो रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाली दो भारतीय महिला खिलाडि़यों बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और महिला पहलवान साक्षी मलिक को उनके खेलों की नीलामी में कुल मिलाकर 70 लाख रुपए भी नहीं मिल पाए थे, जबकि कबड्डी लीग की नीलामी में अकेले नितिन तोमर 93 लाख रुपए ले उड़े। इसी से अंदाजा लगता है कि प्रो-कबड्डी में अपने शुरू होने के चार साल के अंदर कितनी बड़ी छलांग लगाई है। पहले सत्र का सबसे महंगा खिलाड़ी 12 लाख रुपए का था और पांचवें सत्र का सबसे महंगा खिलाड़ी 93 लाख रुपए का हो गया है।
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