किस स्कूल में कितना स्टाफ…सब ऑनलाइन

शिक्षा विभाग ने डाटा ऑनलाइन करने के लिए शुरू की कसरत

शिमला  —  प्रदेश के स्कूलों में कहां-कौन से स्कूल में कितने पद खाली हैं और कौन सेवानिवृत्त होने वाला है, इसका रिकार्ड अब ऑनलाइन होगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने ट्रायल भी किया, जो सफल रहा। अब सभी स्कूलों में शिक्षकों की कैटेगरी के हिसाब से उनकी पॉजीशन ऑनलाइन पता की जा सकेगी और जहां लंबे समय से पद खाली हैं या खाली होने वाली हैं, वे पद भरने के लिए पहले से तैयारियां की जा सकेंगी। दरअसल हाल ही में दसवीं और 12वीं में खराब रिजल्ट पर विभाग की किरकिरी होने पर जब प्रिंसीपलों से इसका कारण सरकार ने पूछा तो अधिकतर प्रिंसीपलों ने स्टाफ की कमी को ढाल बना लिया। सूत्रों का कहना है कि इस बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा ने कुछ प्रिंसीपल को भी तलब किया था। इस पर अधिकतर ने यही तर्क दिया कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या तो अधिक है, लेकिन अधिकतर शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किए हैं कि वह स्कूल वाइज खाली और भरे गए पदों की तुरंत सूचना सरकार को दें, ताकि खराब रिजल्ट के लिए स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहराने वाले स्कूल मुखियाओं और शिक्षकों की सही परफार्मेंस के बारे जांच की जा सके। अब जैसे-जैसे स्कूलों का रिकार्ड आ रहा है, विभाग उसे ऑनलाइन कर रहा है। प्रारंभिक स्तर पर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने और अंग्रेजी में छात्रों की लिखावट सुधारने के लिए अब शिक्षकों को विशेष तौर पर कर्सिव राइटिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षकों को अंग्रेजी में कर्सिव राइटिंग, हिंदी और गणित पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। एसएसए परियोजना निदेशक ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर बच्चों के शिक्षा के आधार को मजबूत करने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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