कुल्लू में नेशनल हाई-वे पर होगी चर्चा

नितिन गडकरी से प्रदेश सरकार उठाएगी डीपीआर का मुद्दा

हमीरपुर —  केंद्र में लटकी हिमाचल नेशनल हाई-वे की डीपीआर का मुद्दा मंगलवार को कुल्लू में उठेगा। पर्यटन नगरी के प्रवास पर आ रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी इस संबंध में हिमाचल सरकार प्रस्ताव सौंप रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी नरेंद्र चौहान ने कहा कि पिछले चार महीने से हिमाचल के नए एनएच की डीपीआर दिल्ली में फंसी है। बताते चलें कि हिमाचल सरकार ने 18 नए एनएच की डीपीआर की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। फरवरी 2016 में केंद्र से कंसल्टेंट को अवार्ड लैटर जारी करने का प्रस्ताव भेजा था। इस पर केंद्र ने ये सभी प्रोजेक्ट खटाई में डाल दिए हैं। इसमें 61 किलोमीटर लंबा धनेटा-बड़सर-शाहतलाई-बरठीं हाई-वे शामिल हैं। इसकी डीपीआर के लिए दो करोड़ 42 लाख का एस्टीमेट केंद्र को भेजा है। इसी तरह 90 किलोमीटर लंबे डेहा-चौपाल-नेरवा-छेदु पुल की डीपीआर के लिए चार करोड़ 86 लाख का एस्टीमेट केंद्र में फंसा है। 57 किलोमीटर कंडाघाट-साधुपुल-चैल कुफरी की डीपीआर केंद्र में फंसी है। हरिपुरधार-संगड़ाह -रेणुका- त्रिमती-बैलया-धौलाकुआं के 69 किलोमीटर लंबे नेशनल हाई-वे की डीपीआर मंत्रालय ने खटाई में डाल दी है। इसी तरह 56 किलोमीटर सोटण-रेणुका-डडाहू- जमटा-दोसड़का की डीपीआर भी केंद्र में फंसी हुई है। 241 किलोमीटर सलहेच-छंडोल-हबोन-राजगढ़-बडू साहिब- बागथन और सनौरा- राजगढ़-नौहराधार-हरिपुरधार-रोहनाहत-जमली मार्ग की डीपीआर भी लटकी हुई है। 79 किमी हरियाणा-बरोटीवाला-पट्टा-कुथार-अर्की-शालाघाट, 102 किमी शिमला-कुनिहार-रामशेर-नालागढ़, धारूवाला-घनौली तथा 180 किमी शिमला- तत्तापानी-छुराग-रोहांडा-सुंदरनगर की डीपीआर भी केंद्र में फंसी हुई है। इसके अलावा शाहपुर और शिमला सर्किल के नौ और एनएच की डीपीआर लटकी हैं।

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