दो साल के गेलगाला एम-9, सुपर चीफ एमएम-106 पौधों में लगे फल
कुल्लू — जिला कुल्लू में इटली का सेब कामयाब हो गया है। हालांकि यहां के सेब के पौधे पांच से दस साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं, लेकिन इटली का गेलगाला एम-9 और सुपर चीफ एमएम-106 ने दो वर्ष में फल देने शुरू कर दिए हैं। कुल्लू के बागबानों के लिए खुशखबरी है, वे ऐसे पौधे लगा सकते हैं और मात्र दो वर्ष में फसल ले सकते हैं। उद्यान विभाग फल पौध पोषण प्रयोगशाला बजौरा में विभाग ने इटली के सेब का एक बड़ा बागीचा तैयार किया है। जितने भी पौधे यहां लगाए गए थे, सभी पौधों ने फसल देना शुरू कर दिया है। दो वर्ष पहले बजौरा में ये पौधे लगाए गए हैं। जिला कुल्लू के लिए सात हजार पौधे गत वर्ष आए थे। जिस तरह से बजौरा में यह बागीचा तैयार हुआ है, इससे बागबानी विशेषज्ञों ने बागबानों को सलाह देनी शुरू कर दी है कि कुल्लू की विभिन्न जगहों में इटली के गेलगाला एम-9 और सुपर चीफ एमएम 106 कामयाब होगा। ये दोनों किस्में सरकार ने इटली से मंगवाई थीं, जो देवभूमि हिमाचल प्रदेश में कामयाब हो रही हैं। उद्यान विभाग की फल पौध पोषण प्रयोगशाला बजौरा में विभाग ने सगन बागीचा लगाया है, जो कामयाब हुआ है। सेब का पौधा तीन मीटर में लगाया गया है। एक हेक्टेयर में 1111 पौधे लगे हैं। सभी पौधों में फसल तैयार हो गई है। सेब का आकार भी काफी बड़ा है। लिहाजा यह सेब भी जिला कुल्लू में जहां कामयाब होगा, वहीं बागीचा लगाने से जल्द बागबानों को लाभ होगा। वहीं सरकार ने सेब के पौधों को इटली से मंगवाया था। हर जिला को सात-सात हजार पौधे वितरित किए गए हैं। पहले चरण में ये पौधे प्रयोग के लिए बांटे गए थे। लिहाजा जिला कुल्लू में ये पौधे कामयाब हो गए हैं।
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