केंद्र की दोटूक

(राजन मल्होत्रा, पालमपुर )

किसानों का माफ नहीं होगा क्योंकि केंद्र इस स्थिति में नहीं कि वह उनका कर्जा माफ कर सके। ऐसा वक्तव्य देकर केंद्रीय मंत्री ने देश में सूखे जैसी परिस्थिति पैदा कर दी है। क्योंकि अगर किसानों का कर्ज माफ न होगा तो वे आत्महत्या करेंगे। यदि नहीं करेंगे तो कर्जा भरने की परिस्थिति में नहीं होंगे और वे कृषि उत्पादन त्याग देेंगे। ऐसे में कृषि उपज पैदा नहीं होगी और देश में अकाल जैसी परिस्थिति पैदा हो जाएगी। नेता लोग तो हजारों रुपया खर्चकर भोजन व्यवस्था कर लेंग,े पर आम जनता का क्या होगा? समस्या तो आम आदमी को ही आती है। नोटबंदी के दौर में भी किसी बड़े आदमी को कोई दिक्कत नहीं हुई, पर इस नोटबंदी ने लाइनों में लगे लगभग 100 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। सरकार के लिए माल्या जैसे लोग ही ठीक हैं, जो 9000 करोड़ रुपए लेकर फरार हो गया और सरकार कुछ भी नहीं कर सकी।

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