छोटा होगा धर्मशाला-शिमला फोरलेन

कांगड़ा; ज्वालाजी, घुमारवीं, घाघस, टुटू बाइपास बनने से 30 किमी कम होगी दूरी

हमीरपुर —  महत्त्वाकांक्षी धर्मशाला-शिमला  फोरलेन की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस फोरलेन में कांगड़ा, ज्वालाजी, घुमारवीं, घाघस तथा टुटू नए बाइपास बनेंगे। इसके चलते दो राजधानियों को मिलाने वाला इस फोरलेन का सफर महज चार घंटे में पूरा हो सकेगा। यह खुलासा धर्मशाला-शिमला प्रस्तावित फोरलेन की डीपीआर में हुआ है। इस फोरलेन की डीपीआर दिल्ली की कंपनी बना रही है। कंपनी ने पहले चरण का डीपीआर वर्क पूरा कर लिया है। इसमें कहा गया है कि 233 किलोमीटर लंबे धर्मशाला-शिमला मार्ग की दूरी फोरलेन निर्माण के बाद 203 किलोमीटर रह जाएगी। डीपीआर कंपनी को 30 अक्तूबर से पहले धर्मशाला-शिमला फोरलेन की ड्राफ्ट प्रोपोजल रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपनी होगी। इसके लिए कंपनी को सात अलग-अलग चरणों में अपनी अध्ययन रिपोर्ट देनी होगी। पहले चरण में डीपीआर कंपनी ने इस मार्ग की लाइन आउट ड्राफ्ट की है। इसमें कहा गया है कि धर्मशाला से शिमला तक फोरलेन के निर्माण के लिए ज्यादा से ज्यादा बाइपास निर्माण की जरूरत है। कंपनी ने फर्स्ट फेज की रिपोर्टिंग में कांगड़ा, ज्वालाजी, घुमारवीं, घाघस तथा टुटू में नए बाइपास प्रस्तावित किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हाई-वे को नौणी शहर से जोड़ने से दूरी कम हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नौणी से शिमला तक और बाइपास निर्माण की आवश्यकता होगी। इसके लिए दूसरे चरण में और ज्यादा संभावनाएं तराशी जाएंगी। नौणी से शिमला तक और ज्यादा नए बाइपास निर्मित होने से धर्मशाला-शिमला फोरलेन दूरी और ज्यादा घट सकती है। बताते चलें कि केंद्रीय भूतल एवं सड़क मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के लिए तीन नए फोरलेन के निर्माण की मंजूरी प्रदान की है। इसके चलते मटौर-धर्मशाला, पठानकोट-चक्की-मंडी तथा परवाणू-कालका फोरलेन निर्माण के लिए केंद्र ने कवायद शुरू कर दी है। धर्मशाला-शिमला तथा पठानकोट-मंडी फोरलेन की डीपीआर के टेंडर भी अलाट कर दिए हैं। दोनों ही मार्गों पर डीपीआर कंपनियों ने अपना कंसल्टेंसी कार्य शुरू कर दिया है। परवाणू-कालका फोरलेन का जिम्मा पहले से ही काम कर रही डबललेन रोड की हाई-वे कंपनी को दिया गया है।

भारत मैट्रीमोनी पर अपना सही संगी चुनेंनिःशुल्क रजिस्टर करें !