जीएसटी के समारोह से कांग्रेस ने किया किनारा

मोदी सरकार के समारोह को बताया आजादी के आंदोलन का अपमान

 नई दिल्ली— कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के लिए संसद के केंद्रीय कक्ष में आधी रात को आयोजित किए जा रहे समारोह को ‘तमाशा‘ करार देते हुए गुरुवार को कहा कि यह आजादी के आंदोलन का अपमान है और वह इस जश्न में हिस्सा नहीं लेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा तथा जयराम रमेश ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आधी रात का जश्न अब तक देश की आजादी के संदर्भ में सिर्फ तीन बार आयोजित किया गया है। इस तरह का पहला जश्न 1947 में आजादी मिलने के अवसर पर मनाया गया था। उसके बाद आजादी की रजत जयंती पर 1972 में तथा तीसरी बार आजादी की स्वर्ण जयंती पर 1997 में इस तरह का समारोह आयोजित किया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि देश का किसान आत्महत्या कर रहा है और अल्पसंख्यकों की पीट-पीटकर हत्या की जा रही है। महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं और उनकी चीख पुकार कोई नहीं सुन रहा है। युवा वर्ग के समक्ष रोजी-रोटी का संकट है और गरीब तथा मजदूर परेशान हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य इन सब मुद्दों पर चुप्पी साधे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी जश्न की तुलना आजादी के समारोह से नहीं की जा सकती है। मोदी सरकार जवाबदेही से भाग रही है और ज्वलंत मुद्दों पर गैरजिम्मेदारी से काम कर रही है, इसलिए कांग्रेस ने आधी रात को आयोजित किए जा रहे इस समारोह में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने जीएसटी जश्न के लिए श्री मोदी पर हमला किया और कहा कि जो व्यक्ति लगातार दस साल तक जीएसटी का विरोध करता रहा है, वह आज इसका वकील बन रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी महत्त्वपूर्ण और परिवर्तनकारी कदम है, लेकिन यह क्रांतिकारी कदम नहीं है। इसलिए इसको लागू करने के लिए इस तरह का जश्न नहीं मनाया जा सकता है और इसके लिए होने वाले जश्न की तुलना आजादी के लिए आयोजित होने वाले जश्नों से नहीं की जा सकती है। उधर, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष को जीएसटी का विरोध छोड़कर देश की उन्नति में सहायक इस बिल का समर्थन करना चाहिए।

कई विपक्षी दल भी करेंगे बहिष्कार

कांग्रेस के साथ ही कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी इस समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को ही साफ कर दिया था कि पार्टी समारोह में हिस्सा नहीं लेगी। इसके अलावा माकपा और समाजवादी पार्टी भी नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुक्रवार को बुलाए गए संसद के विशेष सत्र का बहिष्कार करेगी। सपा के महासचिव और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि हम जीएसटी बिल का विरोध कर रहे हैं।

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