डाक्टरों की खोज में जम्मू जाएगा प्रदेश

शिमला  —  प्रदेश में डाक्टरों की कमी से पार पाने के लिए अब हिमाचल जम्मू-कश्मीर में डाक्टरों को खोजेगा। इसके लिए बाकायदा वॉक इन इंटरव्यू भी किए जाएंगे। हालांकि पहले भी विशेषज्ञों की खोज में विभाग दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में भी वॉक इन इंटरव्यू किए, लेकिन लाखों खर्च करने के बाद भी विशेषज्ञ डाक्टर हिमाचल आने को तैयार नहीं हैं। अब हिमाचल ने जम्मू में डाक्टरों की खोज की खोज करने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि चंबा मेडिकल कालेजों के लिए कुछ डाक्टरों ने हामी भी भर दी है और अभी कुछ और डाक्टरों से बात चल रही है। वर्तमान में प्रदेश में चिकित्सों के 600 से भी अधिक पद खाली पड़े हैं। पर्याप्त बजट के बाद भी प्रदेश में डाक्टर ढूंडे नहीं मिल रहे हैं। कई बार डाक्टरों लगातार 36 घंटों तक ड्यूटी देनी पड़ती है। यही कारण है कि आईजीएसी से डाक्टरी करने के बाद ही कई डाक्टर विदेशों की फ्लाइट पकड़ लेते हैं तो कई बीच में ही सरकार की नौकरी को छोड़कर अपने क्लीनिक खोल लेते हैं। कई चिकित्सा विशेषज्ञ सरकारी संस्थानों से किनारा कर ब्रिटेन, यूएसए, न्यूजीलैंड, आयरलैंड आदि देशों को पलायन कर चुके हैं। परिणाम स्वरूप राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों ही नहीं प्रदेश की राजधानी शिमला में भी हालात खस्ता हैं। प्रदेश के बड़े अस्पताल में ही चिकित्सकों, नर्सो, और पैरामेडिकल स्टाफ के करीब 300 पद खाली पड़े हैं। चिकित्सकों के मामले में सरकार इतनी असहाय है कि अपनी मर्जी से उनके तबादले भी नहीं किए जा सकते। क्योंकि तबादले का आदेश होते ही चिकित्सक नौकरी छोड़ने की धमकी दे देते हैं। ऐसे में पहले दिन तबादलों के आदेश जारी करती है तो दूसरे दिन कई जुगाड़ू डाक्टर उन तबादलों को रद्द कराने में जुट जाते हैं। प्रदेश मे वर्तमान में अलग-अलग श्रेणियों में डाक्टरों के 1897 डाक्टरों के पद हैं इनमें से करीब 500 डाक्टरों के पद खाली हैं। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है। पूरे प्रदेश मे वर्तमान में 2706 स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें 61 अस्पताल, 80 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 497 पीएचसी और 2068 उपस्वास्थ्य केंद्र है। इसके साथ ही 11 इएसआई औषधालय केंद्र भी है। प्रदेश में नर्सिंग की स्थिति भी काफी खराब है।

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