डिपो होल्डरों का कमीशन बढ़े

(सुशील कतना, कंजयाण )

बड़े हर्ष का विषय है कि प्रदेश सरकार लोगों को महंगाई के इस दौर में भी सस्ता राशन मुहैया करवा रही है। समय-समय पर लोगों को चीनी, आटा, चावल, दालें मिल रही हैं, परंतु इन वस्तुओं की बिक्री करने पर जो कमीशन बनता है, वह बहुत ही कम है। सस्ते राशन की दुकानें चलाने वाले कर्मचारियों को महज दो से चार हजार के बीच वेतन मिलता है, जिससे वह अपना तथा अपने परिवार का पालन-पोषण करने में बहुत कठिनाई अनुभव करते हैं। सरकार को चाहिए कि एक निश्चित वेतनमान इन कर्मचारियों के लिए निर्धारित करे, ताकि  कर्मचारी भी अपना काम ईमानदारी से निभाते रहें। सुबह से शाम तक एक डिपो होल्डर की काम करते-करते कमर टूट जाती है, बदले में उसे मात्र 70 से 90 रुपए दिहाड़ी पल्ले पड़ती है। इसलिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री व खाद्य नागरिक मंत्री जीएस बाली से विनम्र निवेदन है कि वह इस मामले के प्रति गंभीरता से विचार करें।

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