नए सिरे से टेंडर को मिली मंजूरी

ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की शर्ताें में केंद्र ने दी रियायत

शिमला— दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के लिए नए सिरे से टेंडर करने को केंद ने मंजूरी दे दी है। इससे हिमाचल की एक बड़ी समस्या खत्म हुई है। केंद्र  की पुरानी शर्तों के आधार पर यहां कोई भी कंपनी इस योजना के तहत काम करने को तैयार नहीं हो रही थी। यही नहीं, लगभग दो साल पहले केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना को यहां पर चालू ही नहीं किया जा सका था। अब केंद्र सरकार ने हिमाचल की मांग पर शर्तों में छूट देते हुए नए सिरे से टेंडर करने की मंजूरी प्रदान कर दी है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के काम हो सकेंगे। यही नहीं बिजली बोर्ड ने कई स्थानों पर इसके लिए टेंडर कर भी दिए हैं जिसमें कंपनियों ने भी आवेदन करने शुरू कर दिए हैं। पहले शर्त थी कि जो कंपनियां टेंडर लेंगी,उनको योजना में काम करने के साथ सामान भी खुद लगाना था। इसके लिए कंपनियां तैयार नहीं हो रही थीं। उनका कहना था कि सामान बिजली बोर्ड दे, लेकिन शर्तों में ऐसा नहीं था। इस पर बोर्ड ने पार्शियली टर्न आधार पर टेंडर करने की मंजूरी केंद्रीय विद्युत मंत्रालय से मांगी थी। कई महीनों से यह मामला लटका था जिसे केंद्रीय विद्युत मंत्री पीयूष गोयल से भी उठाया गया था। हाल ही में इसकी मंजूरी केंद्र से मिल गई है,जिसमें कहा गया है कि योजना को पूरा करने के लिए जरूरी सामान बिजली बोर्ड इन निजी कंपनियों को खरीदकर दे सकता है। हिमाचल के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना 158 करोड़ रुपए की है। इस योजना के तहत अब बोर्ड सामान खरीदकर कंपनियों को उपलब्ध करवाएगा। इसमें कई जिलों के गांवों को शामिल किया जाएगा जहां पर बिजली की पुरानी तारों को बदलने के साथ घर-घर में बिजली पहुंचाने का का काम होगा।   अगले साल मार्च महीने तक तय लक्ष्य को यहां पर पूरा किया जाना है जिससे कई हजार घरों को रोशन किया जा सकेगा। दो साल के बाद हिमाचल को राहत मिल पाई है।

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