पद से हटाए सोलन नगर परिषद अध्यक्ष

साबित नहीं कर पाए बहुमत, पक्ष में पड़े पांच और विरोध में 10 वोट

सोलन — नगर परिषद अध्यक्ष सोलन पवन गुप्ता को पद से हटा दिया गया है। शुक्रवार को वह अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए। इस दौरान पवन गुप्ता के पक्ष में मात्र पांच वोट, जबकि विरोध में दस वोट पड़े हैं। जल्द ही प्रशासन द्वारा नए अध्यक्ष की दावेदारी के लिए अधिसूचना जारी की जा रही है। फिलहाल अध्यक्ष पद के लिए किसी भी पार्षद ने अपनी दावेदारी पेश नहीं की है, वहीं नया अध्यक्ष बनने तक उपाध्यक्ष मीरा आनंद को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को प्रशासन द्वारा नगर परिषद अध्यक्ष पवन गुप्ता को बहुमत साबित करने के लिए समय दिया गया था। सुबह से ही नगर परिषद कार्यालय में पार्षद एकत्रित होना शुरू हो गए थे। दोपहर बाद सभी पार्षद नगर परिषद में मौजूद थे। बैठक की अध्यक्षता एसडीएम सोलन एकता काप्टा ने की। बैठक की शुरूआत में  पार्षदों द्वारा कहा जा रहा था कि केवल ध्वनीमत से ही पार्षद अध्यक्ष को अपना समर्थन देंगे, लेकिन इस दौरान अध्यक्ष पवन गुप्ता, मधु कौशिक और कृष्णा ने वोटिंग की मांग कर दी। सहमति न बनने पर वोटिंग के माध्यम से ही अध्यक्ष को अपना बहुमत साबित करने का मौका दिया गया। गुप्त मतदान के दौरान अध्यक्ष के पक्ष में पांच वोट तथा विपक्ष में दस वोट पड़े हैं। अपना बहुमत साबित न करने के कारण अध्यक्ष को अपने पद से हटना पड़ा। जल्द ही इस बारे में प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी की जा रही है। नए दावेदार को एक माह में बहुमत साबित करने का मौका दिया जा सकता। फिलहाल कांग्रेस और भाजपा समर्थित किसी भी पार्षद ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश नहीं की है, वहीं नया अध्यक्ष बनने तक उपाध्यक्ष मीरा आनंद अध्यक्ष का कार्यभार देखेंगी। नगर परिषद के विकास कार्य प्रभावित न हों, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।

15 में से 11 पार्षद भाजपा के

नगर परिषद सोलन में 15 पार्षद है। 11 पार्षद  भाजपा समर्थित हैं, जबकि चार कांग्रेस समर्थित। भाजपा के पार्षदों ने बीते माह अध्यक्ष पवन गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उपायुक्त सोलन को दिया था। उपायुक्त ने बहुमत साबित करने के लिए 16 जून का समय दिया था। भाजपा बहुमत में होने के बाद बागियों की वजह से बहुमत साबित नहीं कर पाई।

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