प्रदेश में खोले जाएं मॉडल प्राइमरी स्कूल

शिमला — हिमाचल प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्राध्यापक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त उपनिदेशक जीवन शर्मा ने नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद के उस वक्तव्य का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उनका कहना था कि यदि पांचवीं कक्षा पास बच्चा दूसरी का गणित भी नहीं समझ पाता तो यह चिंता की बात है। हिमाचल सरकार को वोटों की राजनीति से ऊवर उठकर तीन कदम उठाने होंगे। जगह-जगह प्राइमरी स्कूल खोलने की बजाय ऐसे मॉडल प्राइमरी स्कूल खोले जाएं, जहां प्रत्येक कक्षा को एक अध्यापक मिले व बच्चों की ड्रेस भी केंद्रीय विद्यालयों या नवोदय विद्यालय की तरह हो। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों व निजी/ कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर नर्सरी से जमा दो कक्षाओं का नियंत्रण एक ही प्रधानाचार्य के अधीन हो व नर्सरी से ही सरकारी स्कूलों में कक्षाएं चलें। श्री शर्मा ने कहा कि शिक्षा निदेशालय व सचिवालय की तर्ज पर अध्यापक संगठनों के चुनाव हों। आज अनेक अध्यापक संगठन बन रहे हैं, जिससे स्कूली प्रधानाचार्यों को प्रशासन चलाना कठिन है।

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