वन कर्मी वेतन को तरसे

होली —  वनपरिक्षेत्र होली के तहत जंगलों में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए तैनात कर्मियों को लंबे समय से वेतन ही नहीं मिल पाया है। जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्करों का आरोप है कि विभाग उन्हें महज कुछ दिनों का वेतन प्रदान कर रहा है, जबकि वह काफी समय से जंगलों में आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। साथ ही वर्करों ने उन्हें दैनिकभोगी बनाने की मांग भी विभाग के समक्ष की है। बताया जा रहा है कि होली घाटी के विभिन्न जंगलों की निगरानी के लिए वर्करों की तैनाती की गई है। हालांकि वन विभाग का कहना है कि फायर सीजन में ही उनकी सेवाएं ली जाती हैं। वहीं वन परिक्षेत्र होली के तहत गत वर्ष दिसंबर माह में इनकी तैनाती की गई थी, लेकिन इनकी तैनाती के कुछ समय बाद ही यहां पर बर्फबारी हो गई थी। नतीजतन जंगलों में बर्फबारी की स्थिति में आग की घटनाएं हो नहीं सकती हैं। लिहाजा जितने समय तक उनकी सेवाएं ली गई हैं, उस आधार पर विभाग वेतन प्रदान कर रहा है, जबकि वर्करों का कहना है कि उनकी तैनाती के वक्त इस तरह की कुछ भी बात विभाग की ओर से नहीं बताई गई थी। लिहाजा उन्होंने मांग की है कि उनके लंबित वेतन का भुगतान किया जाए। साथ ही उन्हें दैनिकभोगी बनाया जाए। उधर, होली वनपरिक्षेत्र अधिकारी लाल चंद का कहना है कि वर्करों का 15 दिनों का वेतन दिया जाना है। जिसको लेकर विभाग वर्करों को कह चुका है। लेकिन अभी तक किसी वर्कर ने इसे हासिल नहीं किया है।

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