सुप्रीम कोर्ट में लोगों का हक मांगेंगे वकील पीएस शारदा

पीएसीएल पीडि़तों के लिए राहत की खबर

मटौर – हिमाचल प्रदेश के पीएसीएल (पर्ल एग्रोटेक कारपोरेशन लिमिटेड) के प्रभावितों के लिए राहत की खबर है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता पीएस शारदा ने ऐसे पीडि़तों को निःशुल्क हक दिलवाने की बात कही है। वह हाल ही में हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आए थे। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत में पीएस शारदा ने कहा कि अब भारत सरकार कहती है कि कंपनी इलिगल थी तो उस वक्त इस बारे में क्यों नहीं छानबीन की गई, जब उसे यहां काम करने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार इसे प्राइवेट ट्रांजेक्शन का नाम देकर पल्ला नहीं झाड़ सकती है। पीडि़त लोगों के पैसे लौटाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया, जिसने इस मामले की जांच के लिए लोढा कमेटी का गठन करवाया। बाद में लोढा कमेटी ने छानबीन के बाद पीएसीएल को इलिगल करार दिया था। उन्होंने बताया कि हिमाचल में वह जितनी भी जगह गए, वहां ऐसा कोई कोना नहीं था,जहां लोगों ने पीएसीएल में पैसा न लगाया हो। साथ ही वह इस बात से भी हैरान हैं कि करोड़ों रुपए ठगे जाने के बाद भी यहां के लोग वर्षों से खामोश बैठे हुए हैं, जबकि उन्हें ठगी को लेकर केस रजिस्टर करवाना चाहिए था।  उन्होंने प्रभावित लोगों से अपील की है कि अपने ओरिजिनल डाक्यूमेंट यूं ही किसी को न दें।  बताते हैं कि प्रदेश में ठगी का शिकार हुए लोगों ने कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाने के बजाय कमेटियां बनाकर नेताओं और अधिकारियों को ज्ञापन देने शुरू किए, लेकिन किसी ने भी कानून का सहारा नहीं लिया।  प्रदेश में ठगी का शिकार हुए लोगों की संख्या लाखों में हो सकती है।

81 हजार 500 करोड़ की देनदारी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय लोढा कमेटी की जांच में सामने आया है कि पीएसीएल को करीब 81,500 करोड़ की देनदारी है, जबकि कंपनी के पास प्रापर्टी 7600 करोड़ के आसपास है। कहा जा रहा था कि कंपनी के असेट्स बेचकर लोगों का पैसा वापस किया जाएगा लेकिन कंपनी के असेट्स और देनदारी को देखकर यह नहीं लगता कि कंपनी लोगों का पैसा लौटा पाएगी।

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