माउंट धौलागिरी फतह कर लौटे आईटीबीपी के जवान
नई दिल्ली – दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची चोटी और करीब 24 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित माउंट धौलागिरी को फतह करने वाले आईटीबीपी के जवान सकुशल दिल्ली वापस लौट चुके हैं। बता दें कि इस साल दस मार्च को दिल्ली से शुरू हुई धौलागिरी पर्वतारोहण की टीम ने करीब डेढ़ महीने में धौलागिरी पर्वत को फतह किया, लेकिन यह काम इतना आसान भी नहीं था। इस टीम को पूरे रास्ते में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बेहद खराब मौसम और तूफान के चलते आईटीबीपी के कुछ सदस्य रास्ते में फंस गए और इन्हें रेस्क्यू करना पड़ा। गौरतलब है कि आईटीबीपी देश के भारत चीन सीमा पर स्थित हिमालय की चौकियों पर तैनात है। आईटीबीपी की कुछ चौकियां नौ हजार फुट से लेकर 18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में आईटीबीपी आए दिन बड़े पर्वतारोहण जैसे टास्क को अंजाम देती रहती है। माउंट धौलागिरी की चोटी फतह करना सबसे मुश्किल था, क्योंकि खराब मौसम के चलते आईटीबीपी के कुछ जवान रास्ते में फंस गए और बेहद मुश्किल हालात में इन जवानों को रेस्क्यू किया गया। आईटीबीपी पर्वतारोहण अभियान माउंट धौलागिरी के लॉगिन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि और आईटीबीपी के पीजी कृष्णा चौधरी ने भाग लिया। इस अवसर पर राजीव महर्षि ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में आईटीबीपी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि धौलागिरि पर्वत पर सफल आरोहण के लिए अभियान के लीडर एवं सदस्यों को बधाई देता हूं। राजीव महर्षि ने कहा कि आईटीबीपी पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक अग्रणी बल है और इसकी कार्य परिस्थितियां बल के सदस्यों को पर्वतारोहण में निपुण बनाती हैं। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि भविष्य में आईटीबीपी बल पर्वतारोहण में अपने योगदान को और समृद्धि बनाएगा।
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