ग्रामीण विकास पर खर्च होने वाले बजट में फेरबदल

मैहला —  केंद्र सरकार ने 14वें वित्तायोग के माध्यम से ग्रामीण विकास पर खर्च होने वाले बजट में जनसहभागिता सुनिश्चित बनाने को लेकर गाइडलाइन में फेरबदल किया है। अब 14वें वित्तायोग की राशि को पंचायत प्रतिनिधि अपने स्तर पर खर्च नहीं कर पाएंगे। पंचायत प्रतिनिधियों को इस बजट को खर्च करने के लिए दो कमेटियों में बुद्धिजीवी वर्ग को शामिल कर विकास की रूपरेखा तय करनी होगी। इस रूपरेखा को ग्रामसभा में अपू्रवल मिलने के बाद ही पंचायत प्रतिनिधि मंजूर कार्य पर ही राशि खर्च कर पाएंगे। हालांकि मैहला को छोड़कर प्रदेश के अन्य विकास खंडों में इस गाइडलाइन को अमलीजामा भी पहनाया जा चुका है। जानकारी के अनुसार इससे पहले 14वें वित्तायोग की ओर से ग्रामीण विकास को मिलने वाली राशि को पंचायत प्रतिनिधि मनमर्जी से खर्च करते आ रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों की इस मनमानी पर ही अंकुश लगाने को लेकर गाइडलाइन में बदलाव किया गया। 14वें वित्तायोग के बजट में उल्लेखित नए प्रावधानों के मुताबिक अब पंचायत स्तर पर एडवाइजरी व प्लानिंग कमेटी का गठन करना होगा। इस कमेटी में पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा आशा वर्कर व रिटायर्ड कर्मचारियों सहित बुद्धिजीवियों को स्थान दिया जाएगा। अब यह कमेटियां 14वें वित्तायोग बजट के विकास की रूपरेखा तय करके ग्रामसभा में लाएंगी। ग्रामसभा की स्वीकृ ति के बाद ही विकास कार्य आरंभ हो पाएंगे। उधर, खंड विकास अधिकारी मैहला रमेश कुमार ने 14वें वित्तायोग के तहत जारी होने वाले बजट के खर्च की गाइडलाइन में बदलाव होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अब जनसहभागिता से विकास कार्यों की रूपरेखा तय होगी।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !