चरस मामले में झूठी गवाही देनी पड़ी महंगी

शिमला — बिलासपुर निवासी रामलाल को चरस के एक मामले में झूठी गवाही देना महंगा पड़ा। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया कि रामलाल ने कोर्ट में झूठी गवाही दी है, जिसके कारण चरस के आरोपियों को बरी करना पड़ा। अदालत ने आदेशों में कहा कि रामलाल पर निचली अदालत में कोर्ट में झूठी गवाही देने के बारे में अभियोग चलाया जाए। यह आदेश न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश चंद्रभूषण बरोवालिया की खंडपीठ ने पारित किए। हाई कोर्ट ने अभियुक्तों को बरी करते हुए कहा कि स्वतंत्र गवाह रामलाल के द्वारा कोर्ट में झूठी गवाही देने के कारण आरोपी को बरी करना पड़ा।

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