तैयारियां पूरी, पर शुरू नहीं हुए पीएचडी कोर्स

शिमला —  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमएससी एन्वायरनमेंट साइंस और एमबीए रूरल डिवेलपमेंट में डिग्री कोर्स कर चुके छात्र विवि के मल्टी डिसिप्लिनरी विभाग में इन कार्सेज में पीएचडी शुरू करने की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। विभाग को इन दो कोर्स में पीएचडी शुरू करने की अनुमति मिलने के बाद भी विवि प्रशासन पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया को आगे ही नहीं बढ़ा रहा है। विभाग की ओर से पीएचडी कोर्स को शुरू करने को लेकर सभी तरह के नियम और प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। बावजूद इसके विवि प्रशासन इस कोर्स की सीटें भरने के लिए विज्ञापित ही नहीं कर रहा हैं। विश्वविद्यालय में एमएससी एन्वायरनमेंट साइंस और एमबीए रूरल डिवेलपमेंट कोर्स विवि के ही एकीकृत हिमालयन अध्ययन शोध संस्थान में चलाए गए थे। इसके बाद इस संस्थान को विभाग का दर्जा प्राप्त हो चुका है और इन दो विषयों में शोध का अवसर छात्रों को देने के लिए पीएचडी कोर्स श्ुरू करने की अनुमति भी विभाग को मिली है। इन विषयों में पीएचडी कोर्स शुरू होने का लाभ न केवल प्रदेश के छात्रों को मिलेगा, बल्कि देश में जहां भी यह कोर्स चल रहे हैं, उन्हें पीएचडी इन कोर्सेज में करने का मौका एचपीयू देगा। विवि प्रशासन की लेट लतीफी के चलते प्रदेश के छात्रों को भी यह अवसर विवि समय से नहीं दे पा रहा है। एचपीयू को पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा भी आल इंडिया लेवल पर ही करवानी है। विभाग द्वारा विवि प्रशासन को दोनों कोर्स में कितनी पीएचडी सीटें भरी जानी हैं, कितने गाइड विभाग में उपलब्ध हैं, इसका ब्यौरा सहित अन्य सारी तैयारियां पूरी कर प्रस्ताव पेश कर दिया है। यहां तक कि सीटों को विज्ञापित करने के लिए डीएसए भी बना कर विवि प्रशासन को विभाग ने दिया है।

50 फीसदी सीटें ही भरी जाएंगी

विभाग में एमएससी एन्वायरनमेंट साइंस में और एमबीए रूरल डिवेलपमेंट में पीएचडी की 100  फीसदी सीटें न भरते हुए 50 फीसदी सीटें भरने की मंजूरी विवि ने दी है। इसके तहत एमएससी एन्वायरनमेंट साइंस में छह और एमबीए रूरल डिवेलपमेंट में 12 पीएचडी सीटें भरी जानी हैं। यूजीसी के नियमों के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर अब चार की जगह दो ही छात्रों को पीएचडी करवा सकेंगे। इसके लिए एचपीयू विभाग से 10 असिस्टेंट प्रोफेसर गाइड और एनआईटीटी एंड आर संस्थान से शिक्षक गाइड के रूप में अपनी सेवाएं देंगे।

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