दो नेशनल हाई-वे के काम को मंजूरी

केंद्रीय भू-तल एवं सड़क मंत्रालय ने कंसल्टेंट तैनात करने पर लगाई मुहर

हमीरपुर —  हिमाचल प्रदेश के 59 नए नेशनल हाई-वे में सिर्फ दो राष्ट्रीय मार्गों के निर्माण का रास्ता साफ हुआ है। एक साल की लंबी कसरत के बाद केंद्रीय भू-तल एवं सड़क मंत्रालय ने दो हाई-वे के कंसल्टेंट नियुक्त करने की मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत हमीरपुर को बिलासपुर जिला से जोड़ने वाली धनेटा-बड़सर-शाहतलाई-बरठीं नेशनल हाई-वे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। शिमला को कुल्लू से जोड़ने वाले सैंज-देहा-चौपाल-नेरवां-फीडसकुल नेशनल हाई-वे के निर्माण की अनुमति केंद्र ने जारी कर दी है। मंत्रालय ने अपने स्वीकृति पत्र में कहा है कि 90 किलोमीटर धनेटा-बरठीं नेशनल हाई-वे की डीपीआर के लिए तीन करोड़ पांच लाख की राशि कंसल्टेंट को दी जाएगी। मंत्रालय ने इस नेशनल हाई-वे की डीपीआर का जिम्मा गाजियाबाद की एक्सप्लोरल कंपनी को सौंपा है। इसी तरह 90 किलोमीटर लंबे सैंज-नेरवा हाई-वे के निर्माण के लिए कंसल्टेंट को चार करोड़ 50 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। केंद्र से मिले मंजूरी पत्र के बाद अब प्रदेश सरकार के नेशनल हाई-वे विंग ने दोनों मार्गों की डीपीआर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत दोनों कंसल्टेंट को नेगोशिएशन के लिए चीफ इंजीनियर आफिस शिमला बुलाया गया है। इस प्रक्रिया के बाद दोनों कंपनियां डीपीआर निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर देंगी। भू-तल मंत्रालय ने कंसल्टेंट को एक साल के भीतर डीपीआर तैयार करने को कहा है। दोनों हाई-वे में बाइपास की ज्यादा से ज्यादा संभावना तलाशी जाएं। भू-अधिग्रहण के लिए कम से कम निर्माण के गिराए जाने की नौबत आनी चाहिए। मिनिस्ट्री ने अपने आदेशों में स्पष्ट कहा है कि कंसल्टेंट को पांच लाख की राशि प्रति किलोमीटर डीपीआर तैयार करने के लिए दी जाएगी। इसके लिए समय अवधि की कड़ी शर्त लागू रहेगी। डीपीआर तैयार होने के बाद कंसल्टेंट को भुगतान केंद्र सरकार ही करेगी। हालांकि केंद्र को अभी तक सिर्फ 14 नेशनल हाई-वे के कंसल्टेंट नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। इनमें सिर्फ दो हाई-वे को मंजूरी दी गई है।

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