नीतीश से नाराज शरद का मोदी पर हमला

पटना —  महागठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाने से नीतीश कुमार से नाराज शरद यादव बिहार के मुख्यमंत्री पर तो चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इस बीच उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। पूर्व एनडीए संयोजक ने कालेधन को लेकर भाजपा को निशाने पर लिया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे 70 वर्षीय नेता ने ट्वीट कर कहा कि विदेशों से कालाधन वापस नहीं आया, जो कि सत्ताधारी पार्टी का एक मुख्य नारा था और न ही पनामा पेपर्स में नामित लोगों में से किसी को पकड़ा गया। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि सरकार कई सेवाओं के नाम पर जनता से काफी सेस अर्जित करती है, लेकिन फिर भी देश में किसी भी क्षेत्र में सुधार नहीं दिख रहा है। इससे पहले उन्होंने केंद्र की महत्त्वाकांक्षी फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि दूसरी योजनाओं की तरह फसल बीमा योजना भी सरकार की असफलता है, जिसके द्वारा केवल प्राइवेट बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। बताया जाता है कि शरद यादव महागठबंधन तोड़े जाने के पक्ष में नहीं थे। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद नीतीश ने महागठबंधन तोड़ भाजपा के साथ जाने का फैसला किया। नीतीश के इस कदम से शरद यादव नाराज बताए जाते हैं। नीतीश और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वह अब भी नई दोस्ती से असहज हैं। इस बीच राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शरद यादव को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने शरद से राजद ज्वाइन करने की अपील की है। लालू ने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने शरद यादव से फोन पर बात भी की है। लालू ने शनिवार को कहा था कि मैंने शरद यादव से फोन पर बात की है। मैं उनसे अपील करता हूं कि आइए और देश के हर कोने में जाकर इस लड़ाई की कमान अपने हाथों में लें। गरीब, वंचित और किसान को संकट/आपदा से निकालने के लिए हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे। शरद भाई, आइए सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करें। एक दूसरे ट्वीट में लालू ने लिखा था कि हमने और शरद यादव जी ने साथ लाठी खाई है, संघर्ष किया है। आज देश को फिर संघर्ष की जरूरत है। शोषित और उत्पीडि़त वर्गों के लिए हमें लड़ना होगा।

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