न कोई इनाम मिला न ही सरकारी नौकरी

धर्मशाला —  एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतना एक सपने से कम नहीं है। इस मुकाम को प्रदेश की बेटी व कबड्डी खिलाड़ी कविता ने हासिल किया है, लेकिन इस होनहार बेटी को इसका इनाम पिछले कई सालों से नहीं मिल पाया है। फिर भी कविता हर रोज सुबह-शाम अभ्यास कर रही है। जानकारी क अनुसार प्रदेश की कबड्डी स्टार कविता ठाकुर अपनी टीम में एकमात्र ऐसी खिलाड़ी है, जो कि अपनी टीम में बिना राज्य अवार्ड और बिना रोजगार के है। कविता, जिस टीम का हिस्सा रही हैं, उस टीम के 12 खिलाडि़यों में से तीन खिलाड़ी अर्जुन अवार्ड और आठ खिलाड़ी राज्य अवार्ड से सम्मानित किए गए हैं। अर्जुन अवार्ड से सम्मानित खिलाडि़यों में टीम कप्तान तेजस्विनी बाई और उपकप्तान ममता पुजारी दोनों रेलवे से खेलती हैं। महाराष्ट्र की अभिलाषा मैत्रे को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। राज्य अवार्ड से सम्मानित खिलाडि़यों में हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाली पूजा ठाकुर, महाराष्ट्र से किशोरी सिंदे, हरियाणा से प्रियंका व कविता शिवाय, राजस्थान से सुमित्रा शर्मा, कर्नाटक से जयंती, कर्नाटक से सुष्मिता और दिल्ली से अनिता मान शामिल हैं। इसमें हरियाणा की प्रियंका ने ग्रेजुएशन न होने के कारण अभी जॉब ज्वाइन नहीं की है, लेकिन हरियाणा सरकार ने इस खिलाड़ी को डीएसपी की जॉब आफर की है। ग्रेजुएशन के बाद वह नौकरी ज्वाइन कर सकती है। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश की कविता ठाकुर को अभी तक न ही राज्य अवार्ड का सम्मान दिया है और न ही कोई जॉब का ऑफर सरकार की ओर से मिला है। गौर हो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कविता ठाकुर ने एशियन इंडोर गेम्स कोरिया वर्ष 2013 में गोल्ड, एशियन गेम्स कोरिया 2014 में गोल्ड, साउथ एशियन गेम्स गुवाहाटी 2015-16 में गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं।   उधर, निदेशक, युवा सेवाएं व खेल बोर्ड सुरजीत भरमौरिया ने कहा कि कविता को सम्मान न मिलने का मामला गंभीर है। इसे बीओडी बैठक में सीएम के समक्ष उठाया जाएगा।

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