पांच साल पुराने कालेजों में चलेंगे ऑनलाइन कोर्स

शिमला  —  देश भर में छात्रों के लिए ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध करवाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्वयं पोर्टल की शुरुआत कर दी गई है। इस पोर्टल के तहत ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जाने को लेकर मसौदा भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने तैयार कर लिया है। जारी किए मसौदे में आयोग ने ऑनलाइन कोर्सेज किस तरह चलाए जाने हैं, इसे लेकर पूरे दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालयों को अब इन्हीं दिशा-निर्देशों के आधार पर कोर्स शुरू करने होंगे। मूक्स मासिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज स्वयं पोर्टल के तहत वही विश्वविद्यालय चला पाएंगे, जो पांच साल पुराने होंगे। विश्वविद्यालय को नैक से बेहतर ग्रेड से मान्यता प्राप्त होना भी आयोग के नियमों में शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय केवल वही कोर्स ऑनलाइन स्वयं पोर्टल के माध्यम से चला सकेंगे, जिन्हें वे नियमित रूप से संस्थान में छात्रों को पढ़ने के लिए उपलब्ध करवा रहे हैं। ये कोर्स शुरू करने से पहले विश्वविद्यालय को यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी। आयोग ने नियमों में यह भी तय किया है कि ऑनलाइन कोर्स चलाने वाले संस्थान को स्टाफ की तैनाती भी इसके लिए करना जरूरी रहेगा। कोर्स चलाने से पहले पूरी तरह से स्टाफ नियमों के तहत रखना होगा। इसमें एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ में निदेशक की नियुक्ति के साथ ही निदेशक, डिप्टी रजिस्ट्रार, असिस्टेंट डायरेक्टर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार की नियुक्तियां करनी होगी। अकादमिक स्टाफ में प्रोग्राम को-आर्डिनेटर, कोर्स को-आर्डिनेटर, टीचिंग/ लर्निंग असिस्टेंट, सर्टिफाइड एग्जामिनर के साथ-साथ टीचिंग एंड स्पोर्ट स्टाफ की नियुक्तियां करनी होगी। यूजीसी ने नियमों में स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन कोर्स में पढ़ाई ऑडियो-वीडियो सहित लिखित सामग्री से होगी। परीक्षाएं भी ऑनलाइन करवाने के साथ ही मूल्यांकन प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी।  बहरहाल, अगर कालेज कसरकत करेंगे तो छात्रों को कई विषय ऑनलाइन पढ़ने की सुविधा प्राप्त होगी।

18 अगस्त तक दें सुझाव

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से ऑनलाइन कोर्सेज के लिए तैयार नियमों पर संस्थान और आम लोग 18 अगस्त तक यूजीसी को सुझाव दे सकेंगे। सुझावों में अगर किसी तरह का परिवर्तन करना होगा, तो उसे आयोग पूरा करेगा।

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