प्रदेश में जहां जरूरत वहीं बंदरों की नसबंदी

गोपालपुर – बंदरों की नसबंदी का कार्य अब गोपालपुर चिडि़याघर नसबंदी केंद्र के अलावा उसी क्षेत्र में किया जाएगा, जहां पर नसबंदी की ज्यादा आवश्यकता होगी। मोबाइल वैन जो कि डाक्टर, असिस्टेंट व लैप्रोस्कोपी मशीन से लैश होगी। साथ ही दूसरी गाड़ी भी होगी, जिसमें बंदरों को पकड़ कर बेहोश किया जाएगा तथा वैन में उनका आपरेशन करके छोड़ दिया जाएगा। डीएफओ वाइल्ड लाइफ हमीरपुर के अंतर्गत तीन फोरेस्ट डिवीजन नूरपुर, बैजनाथ व धर्मशाला आते हैं, पहले बंदरों को पकड़ कर इन तीनों फोरेस्ट डिवीजन से गोपालपुर नसबंदी केंद्र में लाया जाता था तथा इनका आपरेशन किया जाता था। इस ट्रांसपोटेशन समय के दौरान बंदर स्ट्रैश में रहते थे तथा गाड़ी में न ही कुछ खाते थे और न ही पानी पीते थे। इससे बंदर कमजोर पड़ जाते थे तथा दो-तीन दिन तक बंदरों को नसबंदी केंद्र में रखने के बाद उनका आपरेशन किया जाता था। बंदरों को लाने व वापस उसी जगह छोड़ने का ट्रांसपोटेशन का खर्चा भी पड़ता था और समय भी बर्बाद होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खबर की पुष्टि वाइल्ड लाइफ हमीरपुर के डीएफओ कृष्ण कुमार ने की है।