इटली से मंगवाई सेब पौध में वायरस पर हाई कोर्ट सख्त
शिमला— विदेशी सेब के मोह से कहीं हिमाचल की मौजूदा बागबानी ही चौपट न हो जाए। इससे आठ लाख परिवारों की रोजी-रोटी प्रभावित हो सकती है। यह सवाल हिमाचल बागबानी विभाग द्वारा इटली से आयातित सेब के पौधों में वायरस पाए जाने के मामले को उजागर करने वाली याचिका में सामने आया है। प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रार्थी कोटखाई बागबानी सोसायटी द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और संदीप शर्मा की खंडपीठ ने उक्त आदेश पारित किए। प्रार्थी ने दलील दी है कि अगर इटली से आयात किए जा रहे सेब के पौधों से कौडिलंग, मौथ, फायर ब्लाइंट, जैसे कीट और रोग हिमाचल के बागीचों में पहुंच गए तो प्रदेश का बागबानी क्षेत्र तबाह हो जाएगा। बागबानी विकास परियोजना के तहत मंगवाए गए सेब के पौधों में वायरस पाया गया है, जिससे बागबानों के बागीचे बर्बाद होने की आशंका है। प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाईं है कि राज्य सरकार को आदेश दिए जाए कि वह एक कमेटी का गठन करे, जिसमें बागबानी विभाग के प्रतिनिधि, बागबानी और कृषि विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिक प्रोफेसर और दो बागबान सदस्य हो। इस कमेटी को आदेश दिए जाए कि वह इस पूरे मामले की जांच करे और रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करे। मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को निर्धारित की गई है।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य बताएं,फूड सेफ्टी एक्ट पर क्या लिया एक्शन
शिमला— प्रदेश में फ़ूड सेफ्टी एक्ट को लागू करने की गुहार को लेकर दायर याचिका में हाई कोर्ट ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य को आदेश दिए कि वह अदालत को बताएं कि प्रदेश में फूड सेफ्टी एक्ट को लागू करने बारे क्या कदम उठाएं जा रहे हैं। मुख्य सचिव द्वारा दायर शपथ पत्र से असंतोष जताया है। पिछले आदेशों की अनुपालना करते हुए बुधवार को प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रबोध सक्सेना हाई कोर्ट के समक्ष पेश हुए और अदालत को बताया कि प्रदेश में फूड सेफ्टी एक्ट को लागू करने शीघ्रातिशीघ्र प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोएल की खंडपीठ ने जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान उक्त आदेश पारित किए।
प्रदेश सरकार नए कालेज में कक्षाएं चलाने को तैयार
शिमला— राज्य सरकार द्वारा नैना देवी में कालेज खोले जाने को चुनौती दिए जाने वाली याचिका के मामले में राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि यदि प्रार्थी नैना देवी सनातन धर्म शिक्षा ट्रस्ट शिक्षा विभाग को बिल्डिंग और भूमि दे देता है तो उस स्थिति में राज्य सरकार नए कालेज में कक्षाएं चलाने के लिए तैयार है। प्रार्थी नैना देवी सनातन धर्म शिक्षा ट्रस्ट की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार प्रार्थी ट्रस्ट कालेज के स्टाफ को भी सरकार के अधीन लेने बारे निर्णय ले। न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश चंद्र भूषण बरोवालिया ने दोनों पक्षों को आदेश दिए कि वे अदालत के समक्ष दिए गए बयानों के तहत उचित कदम उठाए। मामले की आगामी सुनवाई आठ अगस्त को निर्धारित की गई है।
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