बैंक में 170 करोड़ की धांधली

वार्षिक रिपोर्ट से एनपीए छिपाकर तोड़े आरबीआई के नियम

अंब – प्रदेश के एक अग्रणी बैंक ने करीब 170 करोड़ के एनपीए को वार्षिक रिपोर्ट में छिपाकर भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों की अवहेलना की है। इसके चलते बैंक की साख को जो भारी धक्का लगा है, उससे आने वाले समय में बैंक के अस्तित्व पर भी कोई बड़ी गाज गिरने से इनकार नहीं किया जा सकता। बैंक के एमडी ने पत्र संख्या 6751,52 दिनांक 12,07,2017 को बैंक के जीएम, सहायक जीएम व एनपीए छिपाने वाली शाखा प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। घटना के बाद प्रदेश की सभी शाखाओं में उथल-पुथल की स्थिति बन गई है। प्रदेश के एक अग्रणी बैंक में आरबीआई नियमों को ठेंगा दिखाकर बैंक के कर्णधारों ने 3633 खातों के 169.36 करोड़  भरकम राशि के एनपीए को छिपाकर सभी प्रदेशवासियों की आंखों में धूल झोंकने के साथ-साथ बैंक के अस्तित्व पर भी खतरे के बादल मंडरा दिए हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने धांधली को लेकर करीब एक वर्ष पूर्व ही समाचार प्रकाशित कर दिया था। उसके बाद बैंक के कुछ निदेशकों ने घटनाक्रम को लेकर कई सवाल खड़े किए। थकहार कर कोर्ट के पास मामला उठाने के बाद अब बैंक की सारी पोल खुलनी शुरू हो गई है। आरबीआई नियम प्रणाली के तहत यदि किसी बैंक का एनपीए दस प्रतिशत से अधिक हो जाता है तो वह अपनी नई शाखाएं नहीं खोल सकता है और न ही बैंक में कोई भर्तियां कर सकता है, जबकि अग्रणी बैंक करीब 17 प्रतिशत एनबीए तक पहुंचने के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर सब कुछ कर रहा है।

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