मनरेगा के 12 करोड़ पल में गायब

मैटीरियल के लिए जारी हुआ बजट देनदारियों में ही खत्म

हमीरपुर —  मनरेगा मैटीरियल के लिए जारी 12 करोड़ का बजट पलक झपकते ही गायब हो गया। सोमवार को जारी हुआ यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ है। राज्य के लिए जारी करोड़ों रुपए मनरेगा मैटीरियल की देनदारी में ही निकल गए। बजट जारी होने के बावजूद करोड़ों रुपए की देनदारी बाकी बच गई है। सोमवार दोपहर बाद बजट के जारी होने के आधे घंटे में करोड़ों रुपए की राशि अकाउंट से ट्रांसफर हो गई। जिला स्तर से बजट को डिमांड के हिसाब को उठा लिया गया है। हालांकि अभी भी मनरेगा मैटीरियल का हिसाब चुकता नहीं हो पाया है। अभी भी करोड़ों रुपए के बोझ तले मनरेगा दबी हुई है। हरेक जिला मनरेगा सामग्री के लिए कर्ज तले दबा हुआ है। पिछले लंबे समय से मनरेगा मैटीरियल के लिए बजट उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। इस कारण उधार पर मैटीरियल लेकर किसी तरह मनरेगा के कार्य चलाए जा रहे थे। हरेक जिला लाखों रुपए के कर्ज तले दब गया था। कई जिला में तो देनदारी करोड़ों में पहुंच गई थी। अकेला हमीरपुर ही करोड़ से अधिक का कर्जदार हो गया था। अब राज्य स्तर से ही बजट जारी होने की उम्मीद जताई जा रही थी। सोमवार दोपहर को ग्रामीण विकास के राज्य स्तरीय अकाउंट में 12 करोड़ की राशि डाली गई। राशि डाले जाने के तुरंत बाद राशि निकालने का कार्य जिला स्तर पर शुरू हो गया, जिसने फुर्ती दिखाई, उसको राशि मिल गई, जो लेट हुआ, उसे कम पैसों से ही संतोष करना पड़ा।

अकेले हमीरपुर ने ही निकाले 65 लाख

हमीरपुर की बात करें तो जिला ग्रामीण विकास विभाग ने फंड जारी होने के बाद करीब 65 लाख की राशि निकाली है। इस राशि से मनरेगा कार्यों को लिए गए मैटीरियल के पैसे अदा किए गए हैं। बावजूद इसके अभी जिला करीब 35 लाख रुपए का कर्जदार है। ऐसा ही हाल अन्य जिलों का भी है। अब फिर बजट जारी होने का इंतजार हो रहा है। क्यास लगाए जा रहे हैं कि कुछ ही दिन में फिर बजट जारी होने वाला है। अब सभी की उम्मीदें इस बजट पर हैं।

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