मानवीय जीवन में वनों की भूमिका सदैव ही महत्त्वपूर्ण रही है। वन मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। अब जलवायु परिवर्तन की समस्या ने वनों की अहमियत को नए सिरे से रेखांकित किया है। वनों की बढ़ती भूमिका ने एक करियर के रूप में वानिकी के महत्त्व को बढ़ा दिया है…
अतिरिक्त योग्यता
इस प्रोफेशन में करियर मजबूत बनाने के लिए आपको फिजिकली भी मजबूत होना जरूरी है। इसके साथ ही आपका प्रकृति प्रेमी होना इस प्रोफेशन में सोने पे सुहागा साबित होगा। अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं, एडवेंचर पसंद करते हैं और चुस्त- दुरुस्त हैं, तो ये योग्यताएं आपके करियर को और आगे ले जाने में मदद करेंगी।
वेतनमान
वानिकी के क्षेत्र में सरकारी क्षेत्र में जाने से सरकारी मानकों के आधार पर पद के अनुसार वेतन मिलता है। फोरेस्ट्री में डिग्री प्राप्त करने के बाद निजी क्षेत्र में 15 से 20 हजार तक प्रतिमाह कमाया जा सकता है। वैसे कई प्राइवेट कंपनियां बहुत अच्छे पैकेज पर काम देती हैं।
हिमाचल में विश्व की सबसे बड़ी वानिकी परियोजना
हिमाचल प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 55673 वर्ग किलोमीटर है। प्रदेश का वन क्षेत्र 37033 वर्ग किलोमीटर है। 16376 वर्ग किलोमीटर ऐसा क्षेत्र है, जहां वनस्पति नहीं होती। हिमाचल में दुनिया की सबसे बड़ी वानिकी परियोजना चल रही है। यहां पहले किसान अपनी खेती के विस्तार के लिए वनों को काटता था, पर अब मिड- हिमालय वाटरशैड विकास योजना के कार्यान्वयन से उसके दृष्टिकोण में बदलाव आया है। अब हिमाचल का किसान अपनी भूमि पर उगते पेड़ों में अपना सुनहरा भविष्य देख रहा है। इस वाटरशैड परियोजना के तहत विश्व में सबसे बड़े तथा भारत के पहले क्लीन डिवेलपमेंट मेकेनिज्म का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र के तत्त्वावधान में विश्व बैंक इस परियोजना के क्षेत्र में नए विकसित वनों एवं पौधारोपण से अर्जित आय को क्षेत्र के लोगों में बांटेगा। यह परियोजना भारत की पहली पायलट और विश्व की पहली कार्बन क्रेडिट परियोजना है।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
* डा. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड फोरेस्ट्री, सोलन (हिमाचल प्रदेश)
* अलीगढ़ यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ (उत्तरप्रदेश)
* कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, लुधियाना (पंजाब)
* इंदिरा गांधी नेशनल फोरेस्ट अकादमी, देहरादून
* कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, हिसार (हरियाणा)
* इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ फोरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल
* कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, बंगलूर (कर्नाटक)
आगे बढ़ने को शैक्षिक योग्यता
फोरेस्ट्री से संबंधित ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डिप्लोमा स्तर के कई कोर्स हैं। यहां तक कि आप फोरेस्ट्री में पीएचडी भी कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने इंटर मीडिएट स्तर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की पढ़ाई की है, वे बीएससी फोरेस्ट्री का कोर्स करने के बाद फोरेस्ट मैनेजमेंट, कॉमर्शियल फोरेस्ट्री, फोरेस्ट इकॉनोमिक्स, वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाइल्ड लाइफ साइंस, वैटरिनरी साइंस आदि कोर्स कर सकते हैं। इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ फोरेस्ट मैनेजमेंट, नेहरू नगर भोपाल फोरेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराता है। इसके बाद आप किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पीएचडी भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, फोरेस्ट्री में बैचलर डिग्री लेने के बाद आप यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित इंडियन फोरेस्ट सर्विस की परीक्षा में भी शामिल हो सकते हैं।
समृद्धि- ईंधन से लेकर इमारत तक
किसी देश-प्रदेश की समृद्धि में वन संपदा अहम भूमिका निभाती है। चूल्हे के ईंधन से लेकर इमारत बनाने में वन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार के लिए वनों पर आश्रित है। वन मनुष्य के जीवन में उसके जन्म से लेकर मृत्यु तक अहम भूमिका निभाते हैं।
कार्य क्षेत्र
फोरेस्ट्री के अंतर्गत जंगलों की सुरक्षा, लकड़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों की खेती, उन्हें आग, बीमारी और अतिक्रमण रोकने से संबंधित कार्यों से फोरेस्टर को दक्षता प्राप्त होती है। इनके कार्यों में जीव-जंतुओं के बिहेवियर को समझना, पेड़-पौधों की साइंटिफिक तौर पर जांच करना, कीडे-मकोड़ों से पौधों की सुरक्षा करना आदि प्रमुखता से शामिल होता है। इसके अलावा ये जानवरों, पेड़ों व प्रकृति की खूबसूरती को बचाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
रोजगार के अवसर अनेक
फारेस्टर्स का काम विशेषता के आधार पर आफिस, लैबोरेटरी या फील्ड कहीं भी हो सकता है। संबंधित कोर्स करने के बाद आप सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के अतिरिक्त प्लांटेशन की फील्ड में कार्यरत कारपोरेट कंपनी में भी जॉब पा सकते हैं। इतना ही नहीं, विभिन्न इंडस्ट्री में इंडस्ट्रियल और एग्रीकल्चरल कंसल्टेंट के रूप में भी नौकरी के अवसर होते हैं। अनेक शोध संस्थानों, जूलॉजिकल पार्कों आदि में नौकरी की संभावना होती है। इसके अतिरिक्त फोरेस्ट और वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन से संबंधित विशेषज्ञ के तौर पर आप काम कर सकते हैं।
फोरेस्टर
एक सफल फोरस्टर का काम जंगल और जंगली जीवों की सुरक्षा करना, लैंड स्केप मैनेजमेंट, जंगल व प्रकृति से संबंधित अध्ययन और रिपोर्ट को तैयार करना होता है।
डेंड्रोलॉजिस्ट
डेंड्रोलॉजिस्ट मुख्य रूप से लकड़ी और पेड़ों की साइंटिफिक स्टडी करते हैं। इनके कार्र्यों में पौधों को बीमारियों से बचाने का जिम्मा होता है।
एंथोलॉजिस्ट
इनका काम एनिमल बिहेवियर का वैज्ञानिक अध्ययन करना होता है। ये चिडि़याघर, एक्वेरियम और लैबोरेटरी में जानवरों की हेल्दी हैबिट्स डिजाइन करने का काम भी करते हैं। इन्हें जानवरों का सबसे करीबी माना जाता है।
एंटोमोलॉजिस्ट
एंटोमोलॉजिस्ट कीड़े-मकोड़े से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए अध्ययन करते हैं। ये एक तरीके से पौधों की सुरक्षा का जिम्मा उठाते हैं।
सिल्वी कल्चररिस्ट
इनका काम जंगलों के विस्तार के लिए विभिन्न पौधों को तैयार करना है और उनके विकास की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर होती है।
फारेस्ट रेंज आफिसर
इनका काम जंगलों, अभयारण्य, गार्डन की सुरक्षा करना होता है। इनका चयन इंडियन फोरेस्ट सर्विसेस के तहत होता है।
जू क्यूरेटर
जू क्यूरेटर चिडि़याघर में जानवरों की दिनचर्या को जांचते हैं और उनके कल्याण और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
भारत मैट्रीमोनी पर अपना सही संगी चुनें – निःशुल्क रजिस्टर करें !