व्यवस्था के लिए सबक

(डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर )

वर्ष 2000 के बाद एक बार फिर से आतंकियों ने पावन अमरनाथ यात्रा को अपना निशाना बनाया है। इस दर्दनाक हादसे में छह श्रद्धालुओं की मृत्यु समेत करीब 25 या अन्य घायल हुए हैं। यह हादसा बेहद निंदनीय है। हैरानी यह कि इस यात्रा पर हमले की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी और उसके लिहाज से पुख्ता सुरक्षा अंदाज किए गए थे। उसके बावजूद आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम दे गए, तो यह हैरानी और गहन चिंता का विषय है। श्री अमरनाथ बाबा की पवित्र गुफा में दर्शन की वार्षिक यात्रा पर जिस तरह से अंनतनाग में आतंकियों ने हमला किया है, वह अपने आप में बड़ी घटना तो है ही, साथ ही व्यवस्था के लिए एक सबक भी है। प्रारंभिक खबरों में अधिकारियों की तरफ से जिस तरह से यह बात कही गई कि यह बस नियमों का उल्लंघन करके रात के प्रतिबंधित समय में चल रही थी। ऐसे में यह लापरवाही भी हमले का कारण हो सकती है। अब जबकि यह हादसा हो ही चुका है, तो भविष्य के लिए इससे सबक लेने चाहिएं।

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