समसामयिकी

प्रधानमंत्री की इजरायल यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक इजरायल यात्रा तथा जर्मनी में जी- 20 देशों की शिखर बैठक में भाग लेने के बाद स्वेदश लौट आए। मोदी की यह यात्रा भारत और इजरायल के राजनयिक संबंधों की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल दौरे को ऐतिहासिक करार देते हुए नेतन्याहू ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए उन्होंने और मोदी ने पिछले तीन वर्षों के दौरान एक साथ मिलकर काम किया है। मोदी अपनी पांच दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान तीन दिन इजरायल में रहे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली इजरायल यात्रा थी। वहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रोटोकॉल तोड़कर मोदी की हवाई अड्डे पर अगवानी की और उन्हें विदाई देने भी हवाई अड्डे पर आए। उनका स्वागत करते हुए नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायल की जनता 70 वर्षों से भारतीय प्रधानमंत्री की प्रतीक्षा कर रही थी। इस यात्रा के दौरान मोदी ने इजरायली प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के अलावा इजरायली राष्ट्रपति के साथ भी बैठक की।  भारत और इजरायल ने अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाते हुए अंतरिक्ष, कृषि और जल प्रबंधन के क्षेत्र में सात समझौते किए। दोनों देशों की कुछ कंपनियों के बीच भी निवेश के कुछ महत्त्वपूर्ण करार हुए। इजरायल से प्रधानमंत्री सीधे जर्मनी के हैम्बर्ग गए, जहां उन्होंने विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी-20 की शिखर बैठक में भाग लिया। इस बैठक में उन्होंने आंतकवाद के विरुद्ध संघर्ष के लिए भारत की ओर से ग्यारह सूत्री एजेंडा पेश किया और आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के जी-20 के देशों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया। उनके रुख का अनुमोदन करते हुए बैठक में आतंकवाद के विरुद्ध जारी संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद को वैश्विक समस्या बताते हुए इससे लड़ने तथा दुनिया भर में आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट करने की बात कही गई। मोदी ने इस बैठक से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। दोनों देशों के बीच सिक्किम सीमा क्षेत्र में चल रहे तनाव को देखते हुए इसे महत्त्वपूर्ण माना गया। प्रधानमंत्री ने हैम्बर्ग में जापान, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, वियतनाम, इटली आदि के नेताओं से भी द्विपक्षीय बैठकें कीं। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ बैठक में उन्होंने विभिन्न मुद्दों के अलावा बैंकों के अरबों रुपए के देनदार शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण पर भी बात की।

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