सर्वोच्च पद पर रामनाथ कोविंद

रामनाथ कोविंद 20 जुलाई, 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए और उन्होंने 25 जुलाई, 2017 को भारत के वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद देश के राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया है। रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्तूबर, 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की डेरापुर तहसील के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ।रामनाथ कोविंद का संबंध कोरी या कोली जाति से है, जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। रामनाथ कोविंद ने कानपुर विश्वविद्यालय से एमकॉम और एलएलबी की डिग्री हासिल की। कानपुर विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 1976 में हुई। वकालत की उपाधि लेने के बाद उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारंभ की। वह 1977 से लेकर 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील भी रहे। उन्हें 8 अगस्त, 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति दी गई।

राजनीति में करियर वर्ष 1991 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। वर्ष 1994 में वह उत्तरप्रदेश से राज्यसभा में निर्वाचित हुए। वर्ष 2006 में पुनः उत्तर प्रदेश से ही राज्यसभा के लिए चुने गए। इस तरह रामनाथ कोविंद 12 वर्ष तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता भी रहे हैं। रामनाथ कोविंद राजनीति में होते हुए भी सादा जीवन जीने के आदी रहे हैं। वह अपने बचपन की गरीबी को नहीं भूलते, जब वह अपने मिट्टी के मकान में घास-फूंस की छत के नीचे रहते थे और बरसात में उस छत से पानी टपकता था। देश का पहला नागरिक बनने के बाद भावुक हुए राष्ट्रपति ने अपने पुराने दिनों को याद किया।

राष्ट्रपति पद पर ताजपोशी

सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा 19 जून, 2017 को भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किए गए। 20 जुलाई, 2017 को निर्वाचित घोषित हुए रामनाथ कोविंद ने यूपीए की प्रत्याशी मीरां कुमार को 3 लाख 34 हजार वोटों के अंतर से हराया। रामनाथ कोविंद को 65.65 प्रतिशत वोट पड़े।

समाज सेवा

कोविंद भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही वह अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष भी रहे हैं।

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