(बलबीर रानी, सिद्धपुर, धर्मशाला )
हम भारत के नन्हे सिपाही, कदम से कदम बढ़ाएंगे,
आगे ही बढ़ते जाएंगे, कदम पीछे न हटाएंगे।
हम बनेंगे बापू गांधी, राम नाम सब जप लेंगे,
शांति का पाठ पढ़ेंगे, सदा सच ही बोलेंगे।
हम बनेंगे वीर भगत सिंह, देश पे कुर्बान हो जाएंगे,
चूम लेंगे फांसी का फंदा, हंसते-हंसते मर जाएंगे।
हम बनेंगी झांसी की रानी, दुश्मन से टकराएंगी,
कोई कहे न अबला हमें, सबला बन दिखलाएंगी।
हम तो बनेंगी कल्पना जैसीं, अंतरिक्ष में जाएंगी,
चाहे चली जाए जान हमारी, पग न पीछे हटाएंगी।
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