अभी दो हफ्ते और

(ध्रुव, पुराना मटौर, कांगड़ा)

कोटखाई प्रकरण की जांच के लिए सीबीआई ने दो हफ्ते का और वक्त मांगा है। इसके बाद सनी दयोल का वह डायलोग याद आ गया जिसमें वह तारीख पर तारीख मिलने के लिए अपना क्रोध जाहिर करते हैं। कमोबेश कोटखाई मामला भी उसी दिशा में बढ़ता दिख रहा है, जहां आरोपियों के सामने आने की तारीख लगातार आगे सरकती जा रही है। उस दर्दनाक घटना को हुए दो महीने होने को हैं, पर अभी तक कर अपराधी खुले घूम रहे हैं। उन माता-पिता को पूछो जो हर दिन एक उम्मीद के साथ उठते होंगे कि आज तो अपराधी मिलेंगे और हर शाम अगली सुबह के इंतजार में सो जाते हैं। कब तक ऐसा चलता रहेगा? अपराधी दो हफ्ते के बाद भी नहीं मिले, फिर कितने हफ्ते चाहिए? तब तक पता नहीं वे किसी ऐसे ही अपराध को अंजाम दे दें। क्या सच में अपराधी नहीं मिल रहे या राजनीति बीच में आ रही है और अगर राजनीति बीच आ रही है, तो उन मां-बाप को झूठी उम्मीद मत दिखाइए।

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