आईपीएच स्टोर से रातोंरात पाइपें गायब

आधा से चार इंच तक की टनों पाइपें उड़न छू, ट्रक-ट्रालों में ले जाना असंभव

हमीरपुर – आईपीएच के स्टोर में बंद कई टन पेयजल पाइपें रहस्यमय ढंग से गायब हो गई हैं। चार इंच से लेकर आधी इंच तक की पाइपों के रातोंरात उड़न छू होने से आईपीएच विभाग में हड़कंप मच गया है। हमीरपुर के समीपवर्ती डिडवींटिक्कर स्थित स्टोर में 20 फुट लंबी 700 पाइपें रखी गई थीं। इन पाइपों पर हरेक मीटर के बाद आईपीएच सप्लाई की ग्रूविंग का जगह-जगह ठप्पा लगा है। हैरत है कि इन पाइपों को सामान्य ट्रकों या ट्राला में ले जाना संभव नहीं है। इसके चलते यह बहुत बड़ा रहस्य बन गया है कि स्टोर की चारदीवारी के भीतर रखी गई छह लाख रुपए की जीआई पाइप को जमीन निगल गई या आसमान खा गया। आईपीएच विभाग के सहायक अभियंता प्रदीप कुमार ने इस मामले को लेकर सदर थाना हमीरपुर में चोरी की शिकायत दर्ज करवाई है। सूचना के अनुसार उपमंडल भोटा के तहत डिडवीं टिक्कर स्थित स्टोर में आईपीएच ने 20 फुट लंबाई की 700 पाइपें रखी थीं। हमीरपुर-कंदरौर सड़क मार्ग के विस्तारीकरण के चलते आईपीएच की पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभाग ने पांच किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग के लिए चार से लेकर आधा इंच गोलाई तक की पाइपें स्टोर में रखी थीं। सहायक अभियंता में अपनी शिकायत में कहा है कि शुक्रवार शाम को स्टोर में पाइपें मौजूद थीं। शनिवार सुबह स्टोर में रखीं पाइपें गायब पाई गई हैं। पुलिस में चोरी का मामला दर्ज करवाया गया है। अधिशाषी अभियंता बड़सर का कहना है कि स्टोर के चारों तरफ चारदीवारी लगाई गई है। मेन गेट पर ताला लगा था। आईपीएच विभाग के पास नियमित चौकीदार न होने के कारण आउटसोर्स से ठेकेदार का कर्मी तैनात किया था। चौकीदार का कहना है कि चोरी की वारदात के समय वह स्टोर में उपस्थित नहीं था। अज्ञात लोग स्टोर का ताला तोड़कर पाइपें चोरी कर ले गए हैं। थाना प्रभारी हमीरपुर कुलदीप कुमार का कहना है कि यह केस चौकी प्रभारी के पास है। लिहाजा इस बारे में उनसे ही विस्तार में जानकारी मिल सकती है। पुलिस चौकी प्रभारी भोटा नरेश कुमार का कहना है कि इस मामले में अभी तक चोरी की पुष्टि नहीं हो पाई है।

अब तक एफआईआर नहीं

हैरत है कि शुक्रवार देर रात हुई चोरी के चौथे दिन भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। आईपीएच विभाग ने शिकायत के बाद मामला पुलिस के पाले में फेंक दिया है। पुलिस इस रहस्यमय चोरी में केस दर्ज करने के लिए सबूत तलाशने का राग अलाप रही है।

उसी वक्त गैरहाजिर था चौकीदार

चोरी की वारदात के समय ही चौकीदार का अब्सेंट रहना रहस्य को गहरा रहा है। चर्चा यह भी है कि इन पाइपों को ठिकाने लगाने में किसी प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ हो सकता है। हालांकि आईपीएच की मुहर वाली इन पाइपों का हिमाचल में प्रयोग संभव नहीं है। टनों के हिसाब से चोरी हुई पाइपों का उड़न छू होना सबसे बड़ी पहेली बन गया है। राज्य में 18 फीट बॉडी के ट्रक और ट्राले मौजूद हैं। लिहाजा 20 फीट लंबी पाइपों को सामान्य वाहनों में ले जाना संभव नहीं था। इसके अलावा जीआई पाइपों के हिलाने की तीखी आवाज आती है और 700 पाइपों को वाहन में लोड करना आसान नहीं था।

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