उत्तराखंड की कंपनियों पर कसेगा शिकंजा

देहरादून  – अनाधिकृत रूप से बैंकिंग और पैसा जमा करने वाली कंपनियों पर कसेगा शिकंजा। इसके लिए राज्य सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के सहयोग से फुल प्रूफ रणनीति तय कर ली है। खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। राज्य में कार्यरत आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को और अधिक मजबूत बनाया गया है। ईओडब्लू ने दो आर्थिक अपराध के मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है। इस बारे में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने राज्य स्तरीय समन्वय समिती (एसएलसीसी) की बैठक कर एसओपी(स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम) को अंतिम रूप दिया। बैठक में आरबीआई, सेबी, एनएचबी, आईआरडीए, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसाइटीज, सीआरसीएस आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में तय किया गया कि मीडिया के माध्यम से आर्थिक अपराधों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा, जिससे भ्रामक विज्ञापन के चक्कर में फंसकर उनकी गाढ़ी कमाई का धन डूब न जाए। इसके लिए आरबीआई मीडिया कार्यशाला आयोजित करेगा। मीडिया को उत्तराखंड प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर संशोधन अधिनियम-2016, मनी लांड्रिंग एक्ट-1976 संशोधन, उत्तराखंड इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट आदि के बारे में बताया जाएगा। सीआरसीएस(सेंटल रजिस्टार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज), सेबी (द सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया), आईआरडीए(इंश्योरेंस रेगुलेटर एंड डिवेलपमेंट अथारिटी), एनएचबी (नेशनल हाउसिंग बोर्ड), रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज आदि नियामकों के अधिकार और कर्तव्य की जानकारी दी जाएगी। एसएलसीसी की बैठक में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज आफिस खोलने, यूपीआईडी एक्ट को लागू करने, विभिन्न नियामकों और प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एसओपी तय करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में वित्त राधा रतूड़ी, अमित नेगी, सुब्रत दास, श्रीधर बाबु आदांकी, आरबीआई शरद कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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