कांग्रेस को गद्दियों का ख्याल

शिमला — राज्य की वर्तमान सरकार ने गद्दी समुदाय के उत्थान और उनके आर्थिक व सामाजिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए आम बजट के अतिरिक्त जनजातीय बजट से भी आवश्यक धन उपलब्ध करवाया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विकास कार्यों का कार्यान्वयन और लाभ आम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से गद्दी कल्याण बोर्ड का व्यापक विस्तार किया गया है। सदस्यों की संख्या 33 से बढ़ाकर 74 कर दी गई है, ताकि सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिल सके। गद्दी समुदाय का मुख्य व्यवसाय भेड़ व बकरी पालन है तथा इस व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से ऊन की खरीद दरों में सरकार द्वारा 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई, ताकि भेड़ पालकों को ऊन के उचित दाम मिल सकें। ऊन विकास प्रसंघ को प्रत्येक वर्ष हैंडलिंग चार्जेज के रूप में 15 प्रतिशत सहायता राशि भी प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने इस समुदाय के लोगों की आवाजाही के दौरान उचित ठहराव के लिए चंबा, सिहुंता और धर्मशाला के दाड़ी में जनजातीय भवनों का निर्माण किया है। सरकार द्वारा नूरपुर में तीन करोड़ रुपए की लागत से जनजातीय भवन बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए इस वित्तीय वर्ष में डेढ़ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है तथा इसके लिए 20 लाख रुपए की राशि पीडब्ल्यूडी को जारी कर दी गई है। इस समुदाय के बेरोजगार युवाओं को हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्योग में प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है और इस वर्ष इस कार्य पर 61 लाख रुपए व्यय किए जा रहे हैं।

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