गणित में गुणात्मक करियर

यदि आप में संख्या के लिए आकर्षण है, तो आप शिक्षण में करियर बना  सकते हैं। क्योंकि स्कूली स्तर में गणित मुख्य विषयों में से एक प्रमुख माना जाता है। आप बैंकिंग, अकाउंटेंट, ग्राहक सेवा, कैश हैंडलिंग, खाता खोलने, बचत खाते, ऋण प्रोसेसिंग जैसे कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। आज की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास के साथ वित्त और लेखा संबंधी जानकारी हेतु चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं…

गणित ऐसी विद्याओं का समूह है, जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करता है। गणित एक अमूर्त या निराकार और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएं हैं जैसे अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेड रसेल के शब्दों में गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कर रहे हैं। न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है कि नहीं। गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनिक जीवन का मूलाधार भी है। आज की युवा पीढ़ी के लिए गणित में डिग्री लेने के उपरांत करियर के विभिन्न विकल्प हैं। उसके लिए रोजगार  संबंधी असंख्य अवसर हैं, जिनमें वह अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकती है। यदि आप में संख्या के लिए आकर्षण है, तो आप शिक्षण में करियर बना  सकते हैं। क्योंकि स्कूली स्तर में गणित मुख्य विषयों में से एक प्रमुख माना जाता है। आप बैंकिंग, अकाउंटेंट, ग्राहक सेवा, कैश हैंडलिंग, खाता खोलने, बचत खाते, ऋण प्रोसेसिंग जैसे कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। आज की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास के साथ वित्त और लेखा संबंधी जानकारी हेतु चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप गणित संबंधी किसी विषय शोध द्वारा गणितज्ञ के रूप में कार्य कर सकते हैं।

आवश्यक योग्यता

यदि आपने बारहवीं गणित विषय के साथ उत्तीर्ण की है तो आप मैथ से स्नातक कर सकते हैं। गणित में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए स्नातक गणित के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। गणित में नेट और पीएचडी करने के लिए परास्नातक में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों का होना अनिवार्य है। एमफिल या अन्य कोर्स में प्रवेश के लिए प्रत्येक संस्थान का मानक अलग-अलग है। आप मैथेमेटिक्स में किस तरह की क्वालिफिकेशन करते हैं, आपका भविष्य उसी बात पर निर्भर करता है। जितनी बड़ी योग्यता होगी, अवसर भी उतना बड़ा होगा।

गणित का महत्व

गणित विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। भौतिकी, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान आदि गणित के बिना नहीं समझे जा सकते। वास्तव में गणित की अनेक शाखाओं का विकास ही इसलिए किया गया कि प्राकृतिक विज्ञान में इसकी आवश्यकता आ पड़ी थी। कुछ हद तक हम सब के सब गणितज्ञ हैं। अपने दैनिक जीवन में रोजाना ही हम गणित का इस्तेमाल करते हैं। उस वक्त जब समय जानने के लिए हम घड़ी देखते हैं, अपने खरीदे गए सामान या खरीददारी के बाद बचने वाली रेजगारी का हिसाब जोड़ते हैं या फिर फुटबाल, टेनिस या क्रिकेट खेलते समय बनने वाले स्कोर का लेखा-जोखा रखते हैं।

भारत की उपज है गणित

गणितीय गवेषणा का महत्त्वपूर्ण भाग भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ है। संख्या, शून्य, स्थानीय मान, अंकगणित, ज्यामिति, बीजगणित और कैलकुलस आदि का प्रारंभिक कार्य भारत में संपन्न हुआ। गणित न केवल औद्योगिक क्रांति का बल्कि परवर्ती काल में हुई वैज्ञानिक उन्नति का भी केंद्र बिंदु रहा है। बिना गणित के विज्ञान की कोई भी शाखा पूर्ण नहीं हो सकती। भारत ने औद्योगिक क्रांति के लिए न केवल आर्थिक पूंजी प्रदान की बल्कि विज्ञान की नींव के जीवंत तत्त्व भी प्रदान किए, जिसके बिना मानवता विज्ञान और उच्च तकनीकी के इस आधुनिक दौर में प्रवेश नहीं कर पाती। विदेशी विद्वानों ने भी गणित के क्षेत्र में भारत के योगदान की सराहना की है।

सफलता का आधार

गणित में करियर के ढेर सारे ऑप्शन हैं। गणितज्ञ, प्रोफेसर और इंजीनियर बनाने के अतिरिक्त बैंक सीएए चार्टर्ड फाइनांस एनालिस्ट के कार्र्यों में गणित की भूमिका अहम है। यदि आप ऐसे क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं तो गणितीय क्षमता को विकसित करने के लिए गणित के माइनर से माइनर प्वाइंट को समझना होगा। यदि मैथ के फार्मूलों पर आपका अधिकार हो गया, तो निस्संदेह आप सफलता के शिखर पर होंगे। इसके साथ ही गणित में कुछ नया करने में भी आप सक्षम होंगे। अध्यापन-अनुसंधान में व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाला कम्प्यूटर अपने मूलरूप में गणित से ही संबंधित है।

व्यक्तिगत दक्षताएं

* कैलकुलेशन तीव्र करने की क्षमता

* नए गणितीय फार्मूले खंगालने की जिज्ञासा

* हमेशा रिवीजन करने की चाह

* गलतियों से सीखने की चाह

वेतनमान

गणित में करियर बनाकर युवा पीढ़ी सरकारी एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों में अच्छा वेतनमान प्राप्त कर सकती है। क्योंकि आज दैनिक  जीवन से लेकर प्रत्येक कार्य में गणित की महत्ता इतनी बढ़ गई है कि जगह-जगह गणित के विशेषज्ञ छात्रों की मांग है। अतः वेतनमान भी बेहतर प्राप्त हो रहा है। एक अध्यापक लगभग 20 से 25 हजार वेतन पा रहा है और कालेज प्रवक्ता 40 से 50 हजार तक पा रहे हैं। दूसरे क्षेत्रों में वेतनमान आपके अनुभव और कौशल के आधार पर मिल रहा है। अगर आपने गणित में कोई विशेषज्ञ कोर्स किया हुआ है, तो आपको रोजगार की चिंता नहीं सताएगी। आप कहीं भी सरकारी या निजी फर्म में अच्छे पैकेज पर नियुक्ति पा सकते हैं।

रोजगार की संभावनाएं

मैथमेटिक्स से स्नातक या परास्नातक करने के बाद इसरो जैसे संस्थान में साइंटिस्ट के रूप में करियर बना सकते हैं। एटॉमिक, एयरोनॉटिक्स जैसे फील्ड में करियर की उज्ज्वल संभावनाएं रहती हैं। बैंक एंड इन्वेस्टमेंट फर्म, बिजनेस एंड इंडस्ट्री, कालेज और यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग फर्म, इंश्योरेंस एजेंसीज, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आप करियर को स्वर्णिम बना सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

* हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी, शिमला

* राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धर्मशाला

* राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर

* डिपार्टमेंट ऑफ  मैथमेटिक्स एंड एस्ट्रोनॉमी लखनऊ यूनिवर्सिटी

* हरीश चंद्र रिसर्च इंस्टीच्यूट, इलाहाबाद

* मैथमेटिकल साइंस फाउंडेशन, नई दिल्ली

* रामानुजम मैथमेटिकल सोसायटी,बंगलूर

* पटना यूनिवर्सिटी, पटना

* पंजाब यूनिवर्सिटी, पंजाब

* चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टीच्यूट, चेन्नई

इंजीनियरिंग में गणित अनिवार्य

इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एडमिशन के लिए गणित अनिवार्य है। बिना गणित को पढ़े आप इंजीनियर नहीं बन सकते हैं और न ही गणितज्ञ।  अगर आपकी गणित पर पकड़ मजबूत है तो सॉफ्टवेयर एनालिस्ट और प्रोग्रामर, मार्केट रिसर्च एंड एनालिस्ट, हास्पिटल एंड एडमिनिस्ट्रेशन, एक्चुरियल साइंस, एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोफिजिक्स, मौसम विज्ञान, आंकिक अर्थशास्त्र, संचार प्रौद्योगिकी, आनुवंशिकी अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य की इबारत लिख सकते हैं।

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