चोरी के चार दिन बाद केस दर्ज

आईपीएच स्टोर से गायब हुई थीं 700 पाइपें, छानबीन तेज

हमीरपुर —  आईपीएच स्टोर से 700 पेयजल पाइपों की चोरी के पांचवें दिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 379 के तहत चोरी का मामला सदर थाना हमीरपुर में दर्ज किया है। ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित समाचार के बाद हरकत में आई पुलिस ने शुक्रवार की रात हुई वारदात पर मंगलवार को संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया है। हालांकि यह सुगबुगाहट हर तरफ से सुनाई दे रही है कि बड़सर डिवीजन की पाइपों को प्रदेश के बाहर ठिकाने लगाया गया है। इस कारण अब राज्य की सीमाओं पर स्थापित नाकों के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सच उगल सकती है। चोरी की यह वारदात शुक्रवार देर रात बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार स्टोर के भीतर दो कनाल भूखंड में रखी गई पाइपों का वजन हजारों किलोग्राम है। स्टोर के भीतर से एक पाइप को उठाना भी आसान नहीं था। ऐसे में एक के बाद एक 700 पाइपों को चारदीवारी से निकालकर बाहर ले जाना संभव नहीं था। बहरहाल पुलिस ने पांचवें दिन केस दर्ज करने के बाद छानबीन शुरू की है। चार इंच से लेकर आधी इंच तक की पाइपों के रातों रात गायब होने से आईपीएच विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार हमीरपुर के समीपवर्ती डिडवीं टिक्कर स्थित स्टोर में 20 फुट लंबी 400 पाइपें रखी गई थीं। हमीरपुर-कंदरौर सड़क मार्ग के विस्तारीकरण के चलते आईपीएच की पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभाग ने पांच किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग के लिए चार इंच से लेकर आधा इंच गोलाई तक की पाइपें स्टोर में रखी थीं। उधर, पुलिस चौकी प्रभारी भोटा नरेश कुमार का कहना है कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 379 के तहत चोरी का केस दर्ज कर लिया है। टनों के हिसाब से चोरी हुई पाइपों का गायब होना सबसे बड़ी पहेली बन गया है। राज्य में 18 फुट बॉडी के ट्रक और ट्राले मौजूद हैं। लिहाजा 20 फुट लंबी पाइपों को सामान्य वाहनों में ले जाना संभव नहीं था। इसके अलावा जीआई पाइपों के हिलाने की तीखी आवाज आती है और 700 पाइपों को वाहन में लोड करना आसान नहीं था। अब पुलिस जांच-पड़ताल के लिए प्रदेश के साथ लगती सीमाओं की पगडंडियां भी मापने के मूड में है।

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