जर्मन बीटेक इसी सत्र से

तकनीकी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग कालजों में गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति को दी मंजूरी

हमीरपुर — प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में जर्मन बीटेक पाठ्यक्रम इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू हो गया है। इसके लिए इंजीनियरिंग कालेजों ने गेस्ट फैकल्टी नियुक्त कर ली है। तकनीकी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग कालेजों को गेस्ट फैकल्टी नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की थी। विदेशी विश्वविद्यालयों से जुड़ रहे तकनीकी विश्वविद्यालय के माध्यम से हिमाचल में बीटेक के लिए फॉरन लैंग्वेज बेस्ड पाठ्यक्रम शुरू हुआ है। इसके तहत सभी सरकारी तथा निजी इंजीनियरिंग कालेजों को जर्मन तथा फ्रेंच भाषा पर आधारित पाठ्यक्रम लागू करने की छूट दी गई है। इसके अलावा तीसरे से आठवें सेमेस्टर तक के बीटेक छात्रों को ओपन इलेक्टिव सब्जेक्ट चयन करने की छूट है। इंजीनियरिंग छात्र अपने मूल विषयों के अलावा अपनी पसंद के विषय भी पढ़ सकते हैं। इसके लिए तकनीकी विश्वविद्यालय ने तीसरे से लेकर आठवें सेमेस्टर तक के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू कर दिया है। तकनीकी विवि के अकादमिक डीन डा. एनएन शर्मा का कहना है कि फॉरेन लैंग्वेज के आधार पर प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेज में सिलेबस पढ़ाया जा रहा है। इससे विदेश के छात्र बीटेक के लिए हिमाचल आ सकते हैं। छात्र किसी भी समय विदेशी कालेजों में बाकी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। राज्य में 33 बीटेक के कालेज हैं। इन सभी कालेजों को तकनीकी विवि ने फॉरेन लैंग्वेज के आधार पर सिलेबस पढ़ाने के लिए गेस्ट फैकल्टी की संभावनाआें को तलाशने के लिए कहा था। तकनीकी विवि ने बीटेक के दाखिलों के लिए 14 मई को प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी।

बीटेक के लिए 5316 ने दी परीक्षा

तकनीकी विश्वविद्यालय ने इस बार बीटेक की 7490 सीटें निर्धारित की हैं। इसके लिए आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा के लिए कुल 5967 आवेदन प्राप्त हुए थे और 5316 ने परीक्षा में हिस्सा लिया है। परीक्षा परिणाम के बाद इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले शुरू हुए। तकनीकी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग छात्रों का पलायन रोकने के लिए बेहतर पाठ्यक्रम लागू करने पर जोर दिया है। इसी कड़ी में फ्रेंच तथा जर्मन, फॉरेन लैंग्वेज के सब्जेक्ट शामिल किए गए हैं।

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