दिल्ली पहुंचा गद्दियों का मुद्दा

जनजाति मोर्चा के नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम से मिले

 शिमला— मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बयान से द्वारा गद्दियों  में भड़का गुस्सा दिल्ली तक पहुंच चुका है। भाजपा जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हिमांशु मिश्रा और प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राकेश शर्मा ने शनिवार को दिल्ली में जनजातीय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद और छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री रामविचार नेताम के सामने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा गद्दी जनजाति के उत्पीड़न की पूरी व्यथा सामने रखी। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जनजाति मोर्चा को बताया कि किस प्रकार प्रदेश में गद्दी समुदाय के लोगों पर लाठीचार्ज किया गया और उससे पहले मुख्यमंत्री ने गद्दी समुदाय को कमतर आंकते हुए तंज कसा, जिससे समुदाय की भावनाएं आहत हुईं। जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने स्थिति को समझते हुए इस विषय में कड़ा संज्ञान लिया और लाठीचार्ज व अभद्र टिप्पणी पर वीरभद्र सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि पूरे देश में जनजाति समाज को सांस्कृतिक एकता के लिए जाना जाता है। हिमाचल के गद्दी समुदाय ने तो प्रशासनिक एवं सैन्य सेवाओं में बड़े अधिकारी दिए हैं, राजनीति में भाजपा ने इस समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर गद्दी समुदाय को एक विशिष्ट राजनीतिक पहचान दी है और भाजपा ने जनजाति का दर्जा देकर समुदाय से हो रही विषमता को भी दूर किया है, लेकिन कांग्रेस पूरे देश में सांस्कृतिक एकता व पहचान देने वाले हर वर्ग को हमेशा कमतर करके आंकती है और इसी कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री की टिप्पणी कांग्रेस की कुंठित सोच का नतीजा है। रामविचार नेताम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह जल्दी ही हिमाचल का दौरा करेंगे और जनजाति लोगों से हुए अन्याय के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हुए मोर्चे के प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ मिलकर आगामी रणनीति तय करेंगे। रामविचार नेताम ने लाठी चार्ज में घायल समुदाय के लोगो के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और हिमाचल प्रवास में उनसे मिलने की इच्छा भी जताई है।

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