दिल का दर्द जाने कौन….

मां का कलेजा चीर रहीं बेटे की सिसकियां

गरली —  ट्रेन हादसे में अपाहिज हो चुके 14 साल के आयूष ठाकुर की जिंदगी पर बन आई है। माता-पिता ने जीवनभर की जमापूंजी और जेवरात बेचकर जैसे-तैसेज जान बचा ली, लेकिन नसें कटने से डेड हो चुकी उसकी बाजू को फिर से हरकत में लाने के लिए लाखों रुपए का जो खर्च डाक्टरों ने बताया है, वह वहन कर पाना अब उनके बस में नहीं है। ऊपर से डाक्टरों ने एक महीने की डेडलाइन आपरेशन के लिए दे दी है। अगर अब आपरेशन नहीं हुआ तो मासूम जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाएगा। पहले से इलाज में सारी जमापूंजी खर्च कर चुके आयूष के माता-पिता को अब भगवान के अलावा दानवीरों से ही आस शेष रह गई है। ऐसी दुख की घड़ी में हमेशा से मददगार साबित होते रहे ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं। जिला ऊना के गांव सूरी में मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण कर रहे सुरेंद्र कुमार ठाकुर का इकलौता बेटा आयूष ठाकुर दो साल पहले एक ट्रेन हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गया था। हादसे में उसकी जान तो बच गई, लेकिन बाईं बाजू व टांग बुरी तरह फे्रक्चर हो गई। अब आयूष का उपचार चंडीगढ़ पीजीआई में चल रहा है। उपचार कर रहे आर्थो के डाक्टर रजित व सर्जरी के डा. सुनील गाबा का कहना है कि आयुष की बाईं बाजू की तीन नसें ऊपर से कट चुकी हैं, जिस कारण इसका हाथ व अंगुलियां काम नहीं कर पातीं। चंडीगढ़ पीजीआई अस्पताल में आयूष का उपचार कर रहे प्लास्टिक सर्जरी के एमएस डा. सुनील गाबा ने बताया कि इसकी बाईं बाजू की आंत का आपरेशन ही करना पड़ेगा, तभी यह ठीक हो पाएगा इससे पुनः इसकी बाजू हरकत करने लगेगी। इस उपचार पर डाक्टरों ने करीब पांच लाख रुपए का खर्च बताया है। पीडि़त आयूष के परिजनों को अब दिन-रात यही चिंता सताने लगी है कि इतने पैसों का प्रबंध कैसे होगा। पीडि़त परिवार दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर हो रहा है। आयूष की मां सोनिया का कहना है कि दो साल पहले आयूष चाचा के साथ नंगल से ट्रेन में चंडीगढ़ में शादी समारोह में शामिल होने जा रहा था कि इस दौरान वह हासदे का शिकार हो गया।

रोशन किए कई चिराग

दानवीरों की सहायता से ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ ने कई बुझते चिरागों को रोशन किया है। दानवीरों की मदद से भू-स्खलन के प्रभावितों को जहां बसाया जा सका, वहीं गरीबों का इलाज, मेधावी खिलाडि़यों व करगिल शहीदों के परिजनों को मदद दी गई। अब आयुष के परिजनों को उम्मीद है कि हिमाचल भर की समाजसेवी सस्थाएं और दानवीर ही आयुष को नई जिंदगी दे सकते हैं।

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सभी दानियों के नाम ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित किए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-78078-44144, 70181-97293, 94184-07889

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पीडि़त के लिए कैश, मनीआर्डर, चेक या डिमांड ड्राफ्ट ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ के नाम बनाकर इस पते पर भेजें-

दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड, दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप, पुराना मटौर, कांगड़ा, हि.प्र. 176001

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